पटना. कोरोना के बाद दोबारा से रोजगार के लिए विदेश जाने वाले बिहारियों की संख्या बढ़ी है. देशभर से तीन लाख 34 हजार से अधिक लोग रोगजार के लिए विदेश जा चुके हैं. इनमें से केवल बिहार से लगभग 56 हजार बिहारी हैं, जो रोजगार के लिए विदेश गये हैं. रोजी-रोजगार के लिए विदेश जानेवालों की संख्या बिहार से भी बढ़ी है. बीते पांच वर्षों की तुलना में रिकॉर्ड संख्या में बिहारियों ने वर्ष 2023 में विदेश का रुख किया. विदेश मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2023 में 53 हजार से अधिक लोग विदेश गए हैं. हालांकि पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश व बंगाल की तुलना में बिहार से विदेश जानेवालों की संख्या अब भी काफी कम है.
बिहार से 27 नवंबर तक 55 हजार 893 लोग गये विदेश
2019 में देश से तीन लाख 68 हजार 48 लोग विदेश गये. इनमें से बिहार के 55 हजार 423 लोग थे. कोरोना काल में 2020 में देश से 94 हजार 145 लोग विदेश गये. इनमें बिहार के 13 हजार 911 लोग शामिल थे. 2021 में देश से एक लाख 32 हजार 673 लोग विदेश गये, जिनमें बिहार के 24 हजार 526 लोग. वहीं, 2022 में विदेश जाने वालों की संख्या बढ़ गयी. देश से तीन लाख 29 हजार 699 लोग विदेश गये, जिनमें से बिहार के 53 हजार 781 लोग थे. वहीं इस वर्ष 27 नवंबर तक देश से तीन लाख 34 हजार 273 लोग विदेश जा चुके हैं, जिनमें से बिहार के 55 हजार 893 लोग हैं.
यूपी से सबसे अधिक जा रहे लोग
बिहार से सटे राज्य यूपी से अधिक लोग विदेश जा रहे हैं. इस वर्ष यूपी से एक लाख 20 हजार 179 लोग रोजगार के लिए विदेश गये, जबकि झारखंड से 3629, मध्य प्रदेश से 1141 और पश्चिम बंगाल से 26 हजार 353 लोग विदेश गये हैं. कोरोना के पहले 2019 में यूपी से एक लाख 16 हजार 251, झारखंड से 3348, एमपी से 1145 और पश्चिम बंगाल से 28 हजार 982 लोग विदेश गये थे.
वर्ष बिहार झारखंड यूपी बंगाल
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2018 59181 3664 86273 28648
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2019 55423 3348 116251 28982
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2020 13911 831 28911 7425
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2021 24526 1481 35221 9917
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2022 60945 4222 123702 31789
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खाड़ी देशों में जा रहे हैं सबसे अधिक बिहारी
रिपोर्ट के अनुसार विदेश में सबसे अधिक बिहारी खाड़ी देशों में जा रहे हैं. वैसे बिहारियों के बीच सबसे अधिक 18 देश पसंदीदा हैं. इनमें यूनाईटेड अरब अमीरात, सऊदी अरब, कुवैत, कतर, ओमान, बहरीन, मलेशिया, अफगानिस्तान, इंडोनेशिया, इराक, जॉर्डन, लेबनान, लिबिया, साउथ सूडान, सीरिया, थाईलैंड, यमन और सूडान प्रमुख हैं. बाकी देशों में छिटपुट संख्या में लोग बाहर जा रहे हैं.
सारण, सीवान, गोपालगंज अब भी अव्वल
पहले की तरह ही अब भी सारण, सीवान, गोपालगंज के लोग विदेश अधिक जा रहे हैं. वर्ष 2022 की रिपोर्ट को देखें तो पटना से 6993 लोग ही विदेश गए. सबसे अधिक गोपालगंज से 8751 लोग विदेश गए. सीवान से 8310, सारण 2272, पूर्वी चम्पारण 3657, मधुबनी 4389, दरभंगा 2424, मुजफ्फरपुर 1917, किशनगंज 2232, सीतामढ़ी 2112 व पश्चिम चम्पारण से 4262 लोग विदेश गए. जबकि पूर्णिया से 2846, सुपौल 1318 और अररिया से 1586 लोग विदेश गए.
कम पढ़े-लिखे लोगों का हो रहा उन्मुखीकरण
बिहार से कम पढ़े-लिखे लोगों के विदेश जाने से पहले उन्हें ट्रेंनिंग दी जा रही हे. इसके लिए 36 अधिकारियों को मास्टर ट्रेनर बनाया गया है. पटना, गया, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा में इन्हें विदेश में रहन-सहन संबंधित ट्रेनिंग दी जा रही है. विदेश जाने के पहले विदेश मंत्रालय की ओर से इमिग्रेशन दिया जाता है. बिहार से विदेश जाकर रोजगार करनेवालों को मेडिकल सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेजों की जांच पड़ताल पटना में अवस्थित विदेश मंत्रालय के कार्यालय उत्प्रवास संरक्षी कार्यालय (प्रोटेक्टर्सऑफ इमिग्रेंट ऑफिस) के माध्यम से हो रही है. पहले पटना में कार्यालय नहीं होने पर बिहार के लोगों को कोलकाता या रायबरेली जाना पड़ता था. नियोजन भवन में इसका कार्यालय है. वैसे पटना में विदेश भवन बनाने के लिए गर्दनीबाग में 1.46 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है.