भागलपुर. जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, मायागंज के एआरटी सेंटर व एसएम कॉलेज में एक साथ दो पदों पर डॉ रीना झा कार्यरत थी. मुंगेर के पवन कुमार की शिकायत पर जब विभाग ने छानबीन शुरू की, तो भेद खुल गया.
भेद खुलते ही रीना झा ने ईमेल से काउंसेलर पद से इस्तीफा दे दिया. लालकिला, मुंगेर के पवन कुमार ने बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के परियोजना निदेशक को पत्र भेजकर शिकायत की थी कि मायागंज अस्पताल के एअारटी सेंटर में काउंसेलर पद पर रीना झा व एसएम कॉलेज में डॉ रीना झा के नाम से अतिथि व्याख्याता के पद पर एक ही आदमी कार्यरत है.
एक ही महिला दाे सरकारी संस्थानाें में कैसे काम कर सकती है. ऐसे में मरीजाें की काउंसेलिंग में परेशानियां हाे रही हैं.
रीना झा ने बताया कि काउंसेलर के पद पर 10 वर्ष से कार्यरत हैं. 2019 में अतिथि व्याख्याता के लिए आवेदन किया था. अतिथि व्याख्याता पद पर चयन हुआ. यहां से इस्तीफा दे दिया. कॉलेज में बताया कि यहां पार्ट टाइम काम है. घंटी वाइज पैसा मिलता था. फिर यहां ज्वाइन कर ली. लॉकडाउन में कॉलेज बंद रहा और कक्षा स्थगित. फिर ऑनलाइन क्लास शुरू हुई.
काम करने से आपत्ति होने पर काउंसेलर पद से इस्तीफा दे रही हूं. इस मामले में मायागंज अस्पताल के अधीक्षक डाॅ अशोक भगत ने बताया कि इस बात की जानकारी है. यदि ऐसी बात है तो गलत है.
काउंसेलर का वेतन एड्स नियंत्रण समिति से तय होता है. एसएम काॅलेज के प्राचार्य से बात करेंगे. एसएम कॉलेज के प्राचार्य प्रो रमण सिन्हा ने स्वीकार किया है कि डॉ रीना झा अतिथि व्याख्याता के रूप में कार्यरत हैं. आगे की बात मालूम नहीं.
Posted by Ashish Jha