पटना. सहकारिता विभाग ने बिहार राज्य फसल सहायता योजना (रबी 2020-21) में किसानों के निबंधन के लिए फसलवार तारीखों का निर्धारण कर दिया है.
भोजपुर, पश्चिमी चंपारण , बांका, जमुई, भागलपुर और पटना जिले के चिह्नित प्रखंडों (रैंडम आधार पर ) के किसानों को निबंधन के लिए अन्य सूचनाओं के साथ-साथ बिजली उपभोक्ता संख्या को अंकित करना भी अनिवार्य होगा.
रैयत और गैर रैयत दोनों में किसी एक श्रेणी में आवेदन देने की बाध्यता को समाप्त कर दिया है. संयुक्त रूप से रैयत -गैर रैयत दोनों की कुल जमीन दो हेक्टेयर की अधिसीमा में ऑनलाइन आवेदन की सुविधा प्रदान की गयी है.
आॅनलाइन दर्ज आंकड़ों के सत्यापन के लिए प्रत्येक पंचायत में एक प्रभारी कर्मी नियुक्त किया जायेगा. कुल निबंधित किसानों में दो फीसदी किसानों का रैंडम सत्यापन जिला स्तरीय समन्वय समिति करेगी.
योजना के तहत फसल में 20 फीसदी की क्षति होने पर किसान को साढ़े सात हजार रुपये प्रति हेक्टेयर राशि मिलेगी. अधिक नुकसान पर यह राशि दस हजार है़ सहायता राशि अधिकतम दो हेक्टयर के लिए दी जानी है.
बिहार राज्य फसल सहायता योजना में किसानों का आॅनलाइन निबंधन की फलसवार तारीख तय की गयी है. फसल कटनी कर नुकसान के आकलन की रिपोर्ट पोर्टल के माध्यम से 30 जून तक अपलोड करनी है. 31 जुलाई तक सहायता राशि की गणना कर ली जायेगी.
किसानों को अगस्त- सितंबर तक सहायता राशि का भुगतान किया जाना है. गैर रैयत श्रेणी में एक परिवार से एक ही सदस्य योजना के लिए निबंधन करा सकता है. परिवार का मानक सामाजिक आर्थिक जनगणना के आधार पर तय की गयी है.
फसल अंतिम तारीख
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गेहूं 26 फरवरी
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मक्का 26 फरवरी
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चना 31 जनवरी
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मसूर 15 फरवरी
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अरहर 28 मार्च
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राई-सरसों 31 दिसंबर
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ईख 28 फरवरी
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प्याज 15 फरवरी
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आलू 31 जनवरी
जिलों का चयन फसलवार किया गया है. गेहूं, मकई, राई सरसों की फसल में हुए नुकसान की भरपाई पाने को सभी जिलों के किसान पात्र हैं.
ईख के लिए 16, मसूर 35, अरहर 22, चना 17, आलू 15, बैगन 12, टमाटर 10, प्याज 14 और मिरचाई की फसल के लिए योजना में 12 जिले अधिसूचित हैं.
Posted by Ashish Jha