कोरोना काल के दौरान भी बिहार में हुए 10 लाख संपत्तियों का निबंधन, जानें सरकार के खजाने में आये कितने राजस्व
कोरोना काल के शुरुआत में 98 फीसदी कमी के साथ शुरू हुआ संपत्तियों का निबंधन कार्य वित्तीय वर्ष के अंत में पूरे रफ्तार के साथ समाप्त हुआ. निबंधन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि 2020-21 में नवंबर माह के बाद मार्च तक लोगों ने जम कर संपत्तियों काे खरीदा है.
पटना. कोरोना काल के शुरुआत में 98 फीसदी कमी के साथ शुरू हुआ संपत्तियों का निबंधन कार्य वित्तीय वर्ष के अंत में पूरे रफ्तार के साथ समाप्त हुआ. निबंधन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि 2020-21 में नवंबर माह के बाद मार्च तक लोगों ने जम कर संपत्तियों काे खरीदा है.
2020-21 के दौरान कुल दस लाख दो सौ 15 संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन निबंधन विभाग द्वारा किया गया है. इसके साथ ही विभाग को बीते वित्तीय वर्ष में कुल 4257.54 करोड़ से अधिक का राजस्व मिला है. जो वित्तीय वर्ष 2019-20 के मात्र 165 करोड़ की कमी रही है. विभाग के अनुसार वित्तीय वर्ष 4422.27 करोड़ का राजस्व मिला था.
बीते वर्ष नवंबर के बाद रजिस्ट्री ने पकड़ी रफ्तार लॉकडाउन के बाद बीते वर्ष अप्रैल माह में मात्र 170 संपत्तियों का निबंधन पूरे राज्य में हुआ था. जो बीते वर्ष उस माह के औसत से 98 फीसदी कम था. इसके बाद बीते वर्ष मई में 11452 संपत्तियों का निबंधन हुआ, जो उस माह के औसत से 82.82 फीसदी कम था.
इसके बाद जून में 18.76 फीसदी कम, जुलाई में 39.73 फीसदी कम, अगस्त में 28 फीसदी कम, सितंबर में पांच फीसदी कम निबंधन रहा. इसके बाद रफ्तार बढ़ी अक्तूबर में 36.16 फीसदी अधिक निबंधन हुआ. इसके बाद चुनाव व अन्य कारणों से निबंधन में कमी आयी.
नवंबर माह में 39.16 फीसदी कम निबंधन हुआ, फिर दिसंबर में 26.74 फीसदी अधिक, जनवरी 2021 में 34.23 फीसदी अधिक, फरवरी में 77.10 फीसदी अधिक और मार्च में 130.40 फीसदी अधिक निबंधन हुआ.
इन महीनों में अधिक हुई रजिस्ट्री
महीना निबंधन राजस्व प्राप्ति
दिसंबर 2020 122096 4905445599
जनवरी 2021 113641 4501631392
फरवरी 2021 119013 5116510220
मार्च 2021 152144 8123642521
कार्यालय बढ़ाने की कवायद
निबंधन विभाग जिलों में निबंधन कार्यालय बढ़ाने की तैयारी कर रहा है. विभागीय मंत्री के आदेश पर पटना सहित अन्य बड़े नगर निकायों में निबंधन कार्यालय को क्षेत्र के अनुसार बांट कर क्षमता विस्तार करने का प्रस्ताव है, ताकि निबंधन कार्यालय में लोगों की भीड़ कम हो सके. हालांकि इसका प्रस्ताव तैयार होने के बाद मंत्री और बाद में मुख्यमंत्री स्तर पर स्वीकृति के बाद ही जमीनी कार्यवाही की जायेगी.
Posted by Ashish Jha