पटना. बिहार में आदतन शराब पीने वालों से राज्य सरकार ही नहीं उनके परिवार के सदस्य भी तंग हैं. बांका में ऐसे ही एक आरोपित रजनीश रंजन चौधरी के पिता और पत्नी ने न्यायालय में सुनवाई के दौरान मात्र दो हजार रुपये का जुर्माना तो भरा नहीं, उल्टे लंबी अवधि के लिए जेल भेजने की गुहार भी लगा दी.
वहीं, भागलपुर में पहली बार शराब पीने के आधा दर्जन से अधिक आरोपितों का जुर्माना नहीं भरने पर जेल भेज दिया गया. यही नहीं, एक महीने की निर्धारित सजा अवधि पूरी होने के बाद भी उनके घर वाले जान बूझ कर जेल से निकालने का प्रयास नहीं कर रहे, जबकि स्थानीय प्रशासन लगातार उनके परिजनों से संपर्क में है. मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने बताया कि लगभग जिलों से ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं.
आयुक्त ने बताया कि संशोधित शराबबंदी कानून के तहत धारा 37 के तहत पहली बार शराब पीने के आरोप में पकड़े गये लोगों को दो से चार हजार रुपये जुर्माना लेकर छोड़ने का प्रावधान है. इनमें से करीब 300 लोगों को रिपीट ऑफेंडर यानी दोबारा शराब पीने के आरोप में पकड़ा गया है, जिनको न्यायालय ने एक-एक साल की सजा सुनाई.
निबंधन विभाग ने मुख्यालय स्तर पर शिकायत प्राप्त करने को लेकर टॉल फ्री नंबर 14544 शुरू कर दिया है. कोई भी व्यक्ति कार्यालय अवधि में टॉल फ्री सहित विभाग के दो अन्य नंबरों 0612-2215195 और 2230876 पर रजिस्ट्री कार्यालयों में डीड रजिस्ट्री, अभिलेखागार सहित कार्यालयों से जुड़ी अन्य शिकायतें दर्ज करा सकता है. उनकी शिकायतों पर मुख्यालय के स्तर पर जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
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शिकायतकर्ता को कंप्लायंस भी दिया जायेगा. आयुक्त ने बताया कि दस्तावेज निबंधन को लेकर पक्षकारों व अन्य संबंधितों को निबंधन कार्यालय तक लाने-ले जाने के लिए ‘ रजिस्ट्री शटल’ वाहन की सुविधा पटना के बाढ़ और बिक्रम तथा मुजफ्फरपुर के पारू और कटरा अवर निबंधन कार्यालयों में शुरू कर दी गयी है. 19 सितंबर से यह सेवा पूरे बिहार के रजिस्ट्री कार्यालयों में उपलब्ध होगी.