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पटना में चार लाइसेंसधारी के मरने पर हथियार दबा बैठे परिजन, 62 बंदूकधारी के पास है दो से अधिक हथियार

बिहार में हर्ष फायरिंग वारदातों में अचानक बढ़ोतरी हुई है. लोग पुराने और नये हथियार सार्वजनिक रूप से लहरा रहे हैं. हर्ष फायरिंग में आये दिन लोगों की जान जा रही है. हथियारों के लाइसेंस जिन लोगों के नाम पर निर्गत है, उनमें से कई लोग वर्षों पहले गुजर चुके हैं.

पटना. बिहार में हर्ष फायरिंग वारदातों में अचानक बढ़ोतरी हुई है. लोग पुराने और नये हथियार सार्वजनिक रूप से लहरा रहे हैं. हर्ष फायरिंग में अाये दिन लोगों की जान जा रही है. पुलिस के लिए हर्ष फायरिंग में इस्तेमाल हुए हथियार परेशानी का कारण बन रहे हैं, क्योंकि हथियारों के लाइसेंस जिन लोगों के नाम पर निर्गत है, उनमें से कई लोग वर्षों पहले गुजर चुके हैं. दरअसल नियमानुसार लाइसेंसी की मौत के बाद परिजनों को लाइसेंस और शस्त्र को संबंधित प्राधिकार में जमा कराना अनिवार्य होता है, लेकिन सरकारी आंकड़े बताते हैं कि पटना में ही चार लोग ऐसे हैं, जिनकी मौत हो चुकी है और उनके नाम पर जारी लाइसेंस और शस्त्र का अब तक पता नहीं है.

दो से अधिक हथियार रखने की अनुमति नहीं

शादी के मौके पर हर्ष फायरिंग की बढ़ती वारदातों को ध्यान में रखकर आयुध संशोधन अधिनियम 2019 की धारा 3 के अनुसार, सामान्य नागरिक के लिए दो से अधिक शस्त्र रखने पर रोक लगा दी गयी थी. लाइसेंसधारी को एक साल के भीतर तीसरा आग्‍नेयास्त्र समर्पित करने का मौका दिया गया था. तीसरे शस्त्र को जमा करने का आदेश बीते 30 जनवरी को जारी किया गया था. एक व्यक्ति एक लाइसेंस और अधिकतम दो शस्त्र के नये कानून के बाद भी पटना जिले में चार ऐसे लोग जो इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उनके नाम पर दो से अधिक शस्त्र घर में है.

पटना में 62 लोगों के पास दो से ज्‍यादा शस्‍त्र

पटना जिले में सामान्य नागरिकों ने करीब 600 से अधिक तीसरा शस्त्र दुकानों में जमा कर दिया, तो कुछ ने लाइसेंसधारी के हाथों बेच दिया है. पटना जिले में पड़ताल के दौरान 62 लोगों की पहचान हुई है, जिनके पास अभी भी दो से अधिक शस्त्र हैं. प्रशासन की कड़ाई के बाद महज पांच लोगों ने ही तीसरा शस्त्र समर्पित कर दिया है. राष्ट्रीय राइफल एसोसिएशन के पांच लाइसेंसी है, जिन्हें दो से अधिक शस्त्र की अनुमति दी गई है. शेष 52 लोगों की सूची बनाकर तीसरे शस्त्र को समर्पित करने के लिए नोटिस जारी किया गया है. अब 52 लोगों में चार ऐसे हैं, जो इस दुनियां में नहीं रहे.

10 जुलाई के बाद होगी कार्रवाई

सबसे खास बात यह है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा से निवृत्‍त होने के बाद भी चार लोगों ने दो से अधिक शस्त्र अपने पास रखे हैं. इस संबंध में पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह कहते हैं कि पटना जिले में शस्त्र अधिनियम के प्राविधान का कड़ाई से पालन किया गया है. तीसरा शस्त्र जमा कराने की प्रक्रिया में नोटिस के बाद अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करा दिया गया है. 10 जुलाई को जिला दंडाधिकारी के कोर्ट में उपस्थित होने को कहा गया, जो उपस्थित होकर अपना पक्ष नहीं रखेंगे, उनकी अनुज्ञप्ति रद्द की जाएगी.

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