पटना. पटना हाई कोर्ट ने केके पाठक के एक और आदेश पर रोक लगा दी है. पटना हाई कोर्ट ने केके पाठक के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें उन्होंने राज्य के कोचिंग संस्थानों को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक बंद रखने का आदेश दिया था. मंगलवार को कोचिंग एसोसिएशन ऑफ भारत की याचिका पर पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश मोहित कुमार शाह की एकलपीठ ने सुनवाई की. याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि राज्य के कोचिंग संस्थानों पर इस तरह का फैसला लेने का अधिकार बिहार सरकार को नहीं है. कोर्ट ने कहा कि इस तरह के फैसले लेने का अधिकार सिर्फ कोर्ट के पास है. इसके बाद एकलपीठ ने शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक के आदेश पर रोक लगा दी.
सरकार को नहीं यह अधिकार
न्यायाधीश मोहित कुमार शाह की एकलपीठ ने कोचिंग एसोसिएशन ऑफ भारत की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि शिक्षा विभाग ने अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण किया है. याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने दलील थी कि कोचिंग रेगुलेशन एक्ट, 2010 के प्रावधानों के अनुसार, समय निर्धारित करने की शक्ति सरकार को नहीं है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने कोचिंग संस्थानों को सुबह 9 से शाम 4 के बीच की अवधि में नहीं चलाए जाने संबंधी आदेश देने के साथ ही इसे लागू करने के लिए राज्य के जिलाधिकारियों को निर्देश भी दिए थे. अधिवक्ता रौशन ने स्थानीय मीडिया को बताया कि राज्य सरकार के इस आदेश की वजह से न सिर्फ कोचिंग में पढ़ाने वाले लोगों के व्यवसाय में घाटा लगा है, बल्कि छात्रों के उज्ज्वल भविष्य पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है. इस मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह यानी 14 नवंबर के बाद होगी.
Also Read: बिहार जाति गणना: हिंदुओं में सबसे अधिक यादव, राजपूत से अधिक है ब्राह्मणों की आबादी
स्कूल में बच्चों की उपस्थिति कम होने पर दिया था आदेश
बीते 31 जुलाई को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने राज्य के कोचिंग संस्थानों पर नकेल कसते हुए बड़ा आदेश जारी कर दिया था. केके पाठक ने आदेश जारी किया था कि स्कूलों के संचालन के समय कोचिंग संस्थान संचालित किए जाने के कारण स्कूलों में बच्चों की उपस्थित कम हो जाती है. शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक ने सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक कोचिंग संस्थान बंद रखने का आदेश दे दिया था. केके पाठक के इस आदेश के खिलाफ कोचिंग एसोसिएशन ऑफ भारत ने पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मामले में हस्तक्षेप की मांग की थी. कोचिंग एसोसिएशन ऑफ भारत की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कह दिया कि इस तरह का फैसला लेने का अधिकारी बिहार सरकार के पास नही हैं. हाई कोर्ट के इस फैसले से केके पाठक के साथ साथ राज्य सरकार को भी बड़ा झटका लगा है.