कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने सभी लोगों को परेशान कर रहा है और हर लोग इससे परेशान हैं. परंतु यह आपदा भ्रष्ट लोकसेवकों के लिए एक अवसर भी लेकर आया है. कोरोना संक्रमण के काफी बढ़ने के कारण आय से अधिक संपत्ति (डीए) और ट्रैप के मामले में चल रही कार्रवाई की रफ्तार थम गयी है. क्योंकि संक्रमण के इस दौर में किसी के घर में घुसना सुरक्षित नहीं है और सरकार ने इससे संबंधित दिशा-निर्देश भी जारी कर रखे हैं.
इस वजह से फिलहाल छापेमारी की प्रक्रिया अस्थायी तौर पर स्थगित कर दी गयी है. इससे निगरानी ब्यूरो, इओयू (आर्थिक अपराध इकाई) और एसवीयू (विशेष निगरानी इकाई) की रडार पर मौजूद एक दर्जन से ज्यादा भ्रष्ट लोकसेवक कार्रवाई से फिलहाल बच गये. अगर कोरोना संक्रमण इतनी गंभीर स्थिति में नहीं पहुंचा होता, तो अब तक कई लोकसेवकों पर डीए केस के अंतर्गत कार्रवाई हो चुकी होती.
इस वर्ष ऐसे भी डीए के मामले में कोरोना फैलने के पहले तक तीन एजेंसियों ने 34 भ्रष्ट लोकसेवकों पर कार्रवाई कर चुकी है. इसमें 10 ऐसे भी लोकसेवक हैं, जिन पर बालू से अवैध कमाई के मामले में कार्रवाई की गयी है. ट्रैप के मामले भी कोरोना के कारण बंद हो गये हैं. अब तक जिन पर कार्रवाई हुई है, उसमें कई लोकसेवक या डीए के मामले में फंसे कई पदाधिकारी पूछताछ के लिए एजेंसियों के समक्ष नहीं उपस्थित हो रहे है.