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इतिहास से छेड़छाड़ खतरनाक, NCERT की किताबों से मुगलकालीन अध्याय हटाना साजिश, जदयू के निशाने पर केंद्र

जदयू नेता ने कहा कि लगता है आज केंद्रीय सरकार के नेताओं को देश की पुरानी गौरवशाली उपलब्धियां गले से नीचे नहीं उतर रही. वे किसी ग्रंथि से पीड़ित हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह से अपनी पसंद-नापसंद के आधार पर इतिहास की घटनाओं से छेड़-छाड़ खतरनाक एवं निंदनीय है.

जदयू के वरिष्ठ नेता और राज्य के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद एनसीइआरटी द्वारा 12वीं कक्षा के इतिहास के पाठ्य-पुस्तक से मुगलकालीन एवं शीत युद्ध के अध्याय को हटाना भारत के इतिहास से छेड़-छाड़ करने की गहरी साजिश है. उन्होंने कहा कि जो छात्र भारत में मुगलकाल की घटनाओं से परिचित नहीं होंगे, वे आधुनिक भारत की बातों का परिपेक्ष्य एवं आधार से परिचित ही नहीं हो पायेंगे. वे कुतुब मीनार, फतेहपुर सीकरी, ताजमहल एवं लाल किला का संदर्भ कैसे समझ पायेंगे, यह सोचने की बात है.

विजय चौधरी ने कहा कि इसी प्रकार बिना शीत युद्ध की जानकारी के कोई व्यक्ति द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद की दुनिया के इतिहास को एवं 120 देशों के गुट निरपेक्ष आंदोलन को, जिसके नेतृत्वकर्त्ता देशों में से एक भारत था, कैसे समझेगा. यही वह वक्त था, जब आजादी के भारत ने पूरी दूनिया में एक नेतृत्वकर्त्ता देश के रूप में अपनी दमदार उपस्थिति बनायी थी.

इतिहास की घटनाओं से छेड़-छाड़ खतरनाक एवं निंदनीय

जदयू नेता ने कहा कि लगता है आज केंद्रीय सरकार के नेताओं को देश की पुरानी गौरवशाली उपलब्धियां गले से नीचे नहीं उतर रही. वे किसी ग्रंथि से पीड़ित हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह से अपनी पसंद-नापसंद के आधार पर इतिहास की घटनाओं से छेड़-छाड़ खतरनाक एवं निंदनीय है.

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एनसीइआरटी ने इतिहास की किताब से मुगल साम्राज्य से जुड़ा चैप्टर हटा दिया

नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीइआरटी) ने 12वीं के कई विषयों के सिलेबस में बदलाव किया है. इसमें इतिहास, नागरिक शास्त्र और हिंदी विषय के सिलेबस में कुछ बदलाव किये गये हैं. इतिहास की किताब से मुगल साम्राज्य से जुड़ा चैप्टर हटा दिया गया है. स्वतंत्र भारत में राजनीति की किताब से जन आंदोलन का उदय और एक दल के प्रभुत्व का दौर हटा दिया गया है.

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