पटना. हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि दो सप्ताह के अंदर वह हाजीपुर से मुजफ्फरपुर को जोड़ने वाले एनएच के चौड़ीकरण में आ रही अड़चनों को दूर कर लें.
मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने राजीव रंजन द्वारा इस संबंध में दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हुए उक्त निर्देश दिया.
कोर्ट ने सड़क निर्माण विभाग के प्रधान सचिव व एनएचएआइ के आला अधिकारी को तुरंत एक साथ बैठक करने और हाइवे चौड़ीकरण के लिए अर्जित की गयी जमीनों की रैयतों को मुआवजों का भुगतान करने का निर्देश दिया है, ताकि अधिगृहीत जमीन को एनएचएआइ को बिना बाधा के हस्तगत किया जा सके.
कोर्ट ने कहा कि भू-अर्जन के जितने भी मामले डिस्ट्रिक्ट जज की अदालत से खारिज हो गये हैं उन सबों की सूची बना कर उस पर जल्द कार्रवाई होे. इसकी अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.
हाइकोर्ट ने पटना नगर निगम की वित्तीय स्थिति से संबंधित मामले को काफी गंभीरता से लेते हुए नाराजगी जाहिर की है.
चीफ जस्टिस संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने हाइकोर्ट की अधिवक्ता मयूरी द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को कहा कि वे पटना नगर निगम की वित्तीय स्थिति से संबंधित मामले पर संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर उचित निर्णय लें.
कोर्ट ने इस मामले के नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव, पटना नगर निगम आयुक्त और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉर्पोरेशन के अधिकारी को अगली सुनवाई में कोर्ट में उपस्थित रहने को कहा है.
अधिवक्ता मयूरी ने कोर्ट को बताया कि वित्तीय संसाधनों के मामले में अन्य राज्यों के स्थानीय निकाय स्वतंत्र हैं, जबकि बिहार में स्थानीय निकाय वित्तीय संसाधनों के लिए सरकार पर निर्भर हैं. इस मामले पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद की जायेगी.
Posted by Ashish Jha