पटना. शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए जिला स्तर पर बनाया गया एंटी लिकर टास्क फोर्स (एएलटीएफ) नये सिरे से पुनर्गठित होगा. मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने बताया कि शराब को लेकर संवेदनशील और बड़े जिलों में एएलटीएफ की संख्या बढ़ायी जायेगी.
वहीं, छोटे व अपेक्षाकृत कम संवेदनशील जिलों में संख्या अधिक होने पर उसे दूसरे जिले में स्थानांतरित किया जायेगा. अभी पूरे राज्य में 217 एएलटीएफ हैं. आयुक्त ने बताया कि गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक और डीजीपी एसके सिंघल की संयुक्त बैठक में एएलटीएफ को और प्रभावकारी बनाने का निर्णय लिया गया है.
इसका लक्ष्य भी बढ़ाया जायेगा. इसके लिए एएलटीएफ के कार्यों की रोज समीक्षा होगी. अच्छे और खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों को चिह्नित किया जायेगा. खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों की हर सप्ताह अलग से वीडियो कॉन्फ्रेंसिग से समीक्षा होगी. मालूम हो कि मद्य निषेध विभाग सभी एएलटीएफ को वाहन, मोबाइल, सिमकार्ड और ईंधन की सुविधा मुहैया कराता है.
जून में तेज हुई पुलिस व मद्य निषेध विभाग की कार्रवाई आयुक्त ने बताया कि जून में पुलिस और मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग की संयुक्त कार्रवाई तेज हुई है. पहले एक सप्ताह में औसत दो हजार गिरफ्तारी होती थी जो अब बढ़कर 3600 तक हो गयी है. सिर्फ उत्पाद विभाग हर दिन 150-180 लोगों को उत्पाद अधिनियम में गिरफ्तार कर रहा है.
एक से 11 जून के बीच 35,331 छापेमारी की गयी है, जिसमें 3,879 उत्पाद अभियोग दर्ज किये गये हैं. इस दौरान संयुक्त रूप से 5,771 को गिरफ्तार किया गया है. इसमें पुलिस ने 3896 जबकि उत्पाद विभाग ने 1875 को गिरफ्तार किया है.
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