कैलाशपति मिश्र,पटना. 18वीं लोकसभा चुनाव की तैयारी जोर शोर से चल रही है.कुछ एक को छोड़कर को पिछली बार जीते सांसदों को एनडीए गठबंधन ने टिकट दे दिया है. सभी अपने-अपने लोकसभा क्षेत्रों में वोटों का समीकरण बनाने में जुटे हैं. ऐसे में 17वीं लोकसभा में बिहार के सांसदों की लोकसभा में उपस्थिति और उनके द्वारा पूछे गये प्रश्नों के आधार पर एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) ने एक रिपोर्ट तैयार की है. इसके आधार पर कहा जा सकता है कि कुछ सांसदों की उपस्थिति अच्छी रही, तो कुछ लाेकसभा सदस्यों ने प्रश्न पूछने के मामले में दिलचस्पी नहीं दिखायी.
रिपोर्ट के अनुसार 17वीं लोकसभा की कुल 273 बैठकें हुईं, जिनमें बिहार के सांसदों की औसत उपस्थिति 197 बैठकों में रही है. जहां तक प्रश्न पूछने का सवाल है, तो औसतन बिहार के सांसदों के खाते में 119 प्रश्न दर्ज हैं. इसमें उन सांसदों का रिकार्ड भी समाहित है, जिन्होंने दो प्रश्न भी नहीं पूछे. हालांकि इस रिपोर्ट में केंद्रीय मंत्रियों का रिकार्ड शामिल नहीं है. पटना साहिब के सांसद और पूर्व मंत्री रविशंकर प्रसाद और पूर्वी चंपारण के सांसद व पूर्व मंत्री राधामोहन सिंह ने तो एक भी प्रश्न नहीं पूछे. सदन में कविता सिंह, छेदी पासवान और प्रिंस राज जैसे जनप्रतिनिधि प्रश्न पूछने में संकोची साबित हुए.
जदयू और भाजपा सदस्यों की उपस्थिति क्रमश: 218 और 191 बैठकों की रही
राष्ट्रीय स्तर पर उपस्थिति के साथ प्रश्न पूछने में भाजपा की तुलना में जदयू के सांसद अधिक सक्रिय रहे. जदयू और भाजपा की उपस्थिति क्रमश: 218 और 191 बैठकों की रही है. वहीं, प्रश्नों के संदर्भ में यह आंकड़ा क्रमश: 156 और 149 है. राजग के इन दोनों घटक दलों की तुलना में 34 प्रश्नों के साथ लोजपा का प्रदर्शन थोड़ा कमतर रहा है. 206 बैठकों की उपस्थिति और 196 प्रश्नों के साथ कांग्रेस के राज्य के एक मात्र सांसद डॉ.जावेद की सक्रियता भी शानदार कही जा सकती है.
दस प्रश्न पूछे थे बैद्यनाथ प्रसाद ने
17वीं लोकसभा के लिये चुने गये बिहार के दो सांसदों की मृत्यु हो गयी. मृत्यु से पहले रामचंद्र पासवान ने सदन में एक भी प्रश्न नहीं पूछे. वे समस्तीपुर से लोजपा के टिकट पर चुने गए थे. बाद में उनके पुत्र प्रिंस राज वहां से निर्वाचित हुए. रामचंद्र की उपस्थिति सात प्रतिशत थी और प्रिंस की 75.5 प्रतिशत रही. वहीं, वाल्मीकिनगर से जदयू के सांसद बैद्यनाथ प्रसाद की भी मृत्यु हो गयी थी. तब तक वे 52 बैठकों में सहभागी हो चुके थे और 10 प्रश्न भी पूछे. उप चुनाव में उनकी सीट से विजयी रहे पुत्र सुनील कुमार के खाते में 43 प्रश्न दर्ज हैं.
प्रश्न पूछने और उपस्थिति में सक्रिय रहे चार सांसद इस बार बेटिकट
सदन में मुखर होकर प्रश्न पूछने और औसत उपस्थिति दर्ज करने में सक्रिय रहीं रमा देवी भी अपना टिकट नहीं बचा पायीं. वे शिवहर से लगातार तीन बार सांसद चुनी गयीं और हर बार सर्वाधिक सक्रिय रहने वाले प्रतिनिधियों में रहीं. 92.7 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कर 164 सवाल पूछने वाले मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद को इस बार टिकट नहीं मिला. काराकाट से जदयू के महाबली सिंह प्रश्न पूछने और उपस्थिति में बेहतर थे, लेकिन इस बार वे बेटिकट हो गये.
उपस्थिति में ये रहे आगे
सांसद का नाम | उपस्थिति प्रतिशत | लोकसभा क्षेत्र का नाम |
---|---|---|
रमा देवी | 98.5% | शिवहर |
दिलेश्वर कामत | 98.5% | सुपौल |
महाबली सिंह | 97.8% | काराकाट |
राजीव प्रताप रुडी | 97.4% | सारण |
अशोक कुमार सुमन | 97.1% | गोपालगंज |
अजय कुमार मंडल | 34.1% | भागलपुर |
रविशंकर प्रसाद | 43.6% | पटना साहिब |
चिराग पासवान | 55.3% | जमुई |
सुनील कुमार | 61.2% | बाल्मीकीनगर |
गिरिधारी यादव | 62.6% | बांका |
प्रश्न पूछने में आगे
सांसद का नाम | सवाल | लोकसभा क्षेत्र का नाम |
---|---|---|
महाबली सिंह | 335 | काराकाट |
जर्नादन सिंह सिग्रीवाल | 293 | महाराजगंज |
कौशलेंद्र कुमार | 270 | नालंदा |
रमा देवी | 267 | शिवहर |
प्रदीप सिंह | 265 | अररिया |
राधामोहन सिंह | 00 | पूर्वी चंपारण |
रविशंकर प्रसाद | 00 | पटना साहिब |
महबूब अली कैसर | 08 | खगड़िया |
कविता सिंह | 10 | सीवान |
प्रिंस राज | 14 | समस्तीपुर |
अशोक यादव | 24 | मधुबनी |
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