31.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार में 65 प्रतिशत आरक्षण को पटना हाईकोर्ट में दी गयी चुनौती, 12 जनवरी को होगी सुनवाई

सरकारी नौकरियों में एससी, एसटी, ईबीसी व अन्य पिछड़े वर्गों को 65 फीसदी आरक्षण दिये जाने को मोहन कुमार ने एक याचिका दायर कर चुनौती दी है. इस मामले पर चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ इसी मुद्दे पर दायर गौरव कुमार के याचिका पर 12 जनवरी 2024 को सुनवाई करेगी.

पटना. पटना हाईकोर्ट में राज्य सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों में एससी, एसटी, ईबीसी व अन्य पिछड़े वर्गों को 65 फीसदी आरक्षण दिये जाने को मोहन कुमार ने एक याचिका दायर कर चुनौती दी है. इस मामले पर चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ इसी मुद्दे पर दायर गौरव कुमार के याचिका पर 12 जनवरी 2024 को सुनवाई करेगी.

पटना हाईकोर्ट में सुनवाई

दायर गौरव कुमार की याचिका में भी राज्य सरकार द्वारा 21 नवंबर 2023 को पारित कानून को चुनौती दी गई है. जिसमें एससी, एसटी, ईबीसी व अन्य पिछड़े वर्गों को 65 फीसदी आरक्षण दिया गया है, जबकि सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए मात्र 35 फीसदी ही पदों पर सरकारी सेवा में जा सकते हैं.

भारतीय संविधान की धारा 14 और धारा 15(6)(b) के विरुद्ध

अधिवक्ता दीनू कुमार ने अपनी याचिका में बताया है कि सामान्य वर्ग में ईडब्ल्यूएस के लिए 10 फीसदी आरक्षण रद्द करना भारतीय संविधान की धारा 14 और धारा 15(6)(b) के विरुद्ध है. उन्होंने बताया कि जातिगत सर्वेक्षण के बाद जातियों के अनुपातिक आधार पर आरक्षण का ये निर्णय लिया, न कि सरकारी नौकरियों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व के आधार पर ये निर्णय लिया.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई फिलहाल लंबित

अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि जातिगत सर्वेक्षण के बाद जातियों के अनुपातिक आधार पर आरक्षण का ये निर्णय लिया गया है न कि सरकारी नौकरियों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व के आधार पर ये निर्णय लिया. उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा स्वाहने मामले में आरक्षण की सीमा पर 50 प्रतिशत का प्रतिबंध लगाया था. जातिगत सर्वेक्षण का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई फिलहाल लंबित है.

Also Read: बिहार में लागू 75% आरक्षण को पटना हाईकोर्ट में दी गयी चुनौती, जानिए सरकार को पहले से क्यों हो रही थी शंका..

12 जनवरी को होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में इस आधार पर राज्य सरकार के उस निर्णय को चुनौती दी गई. जिसमें राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से बढ़ा कर 65 फीसदी कर दिया था. आज मोहन कुमार द्वारा दायर इस याचिका पर चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ के समक्ष रखा गया. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की तिथि 12 जनवरी, 2024 को इसी मुद्दे पर गौरव कुमार की याचिका के साथ सुनवाई की जाएगी.

रोक लगाने से इंकार

पूर्व में गौरव कुमार की याचिका पर कोर्ट ने इस राज्य सरकार के निर्णय पर रोक लगाने से इंकार करते हुए राज्य सरकार को 12 जनवरी, 2024 तक जवाब देने का निर्देश दिया था. इस मामलें की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता मोहन कुमार की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार व वरदान मंगलम और राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पी के शाही कोर्ट में उपस्थित थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें