पटना. सामान्य प्रशासन विभाग के प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार ने विधानसभा में कहा कि बिहार राज्य तकनीकी सेवा आयोग द्वारा सामान्य चिकित्सकों की नियुक्ति में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के पदों के आरक्षण में भेदभाव होने पर उसकी समीक्षा की जायेगी.
उन्होंने बताया कि बिहार अधिनियम -2, 2019 बिहार पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों तथा शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में आरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 11 में स्पष्ट प्रावधान है.
इसके अनुसार किसी भी भर्ती वर्ष में या किसी सत्र के नामांकन में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए उम्मीदवार आरक्षण कोटि से भरे जानेवाले इस अधिनियम के अधीन विहित आरक्षण प्रतिशत तक उपलब्ध नहीं हो तो बची हुई रिक्तियों उसी समव्यवहार अथवा उसी भर्ती वर्ष में खुली गुणागुण कोटि के उम्मीदवारों से भरी जायेगी.
भागलपुर के विधायक अजित शर्मा, अजय कुमार व आनंद शंकर सिंह के ध्यानाकर्षण सूचना का जवाब दे रहे थे.
बताया कि अधिनियम के प्रावधान से स्पष्ट है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों के बदले किसी अन्य आरक्षित कोटि के लिए नहीं किया गया है. इसी अधिनियम का प्रावधान शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में भी है.
बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा निकाले गये विज्ञापन संख्या 16-2019 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की रिक्तियों को भरने का प्रश्न है. इस संबंध में बिहार तकनीकी सेवा आयोग से प्रतिवेदन प्राप्त किया गया है.
आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण के लिए पदों व सीटों की गणना चालू रिक्तियों के आधार पर की जाती है, बैकलॉग रिक्तियों पर नहीं.
Posted by Ashish Jha