पटना: राजद (RJD) में होने वाले संगठन चुनाव को लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हैं. सांगठनिक चुनाव में इस बार भी पूर्व वाले रोस्टर के अनुसार हीं आरक्षण लागू होंगे. इसको लेकर पार्टी के सहायक राष्ट्रीय मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी चित्तरंजन गगन ने बताया कि सांगठनिक चुनाव वर्ष 2022-2025 में भी आरक्षण का वही रोस्टर लागू किया गया है जो सांगठनिक चुनाव वर्ष 2019-2022 में लागू किया गया था.
चित्तरंजन गगन ने बताया कि सांगठनिक चुनाव वर्ष 2022-2025 में भी आरक्षण का वही रोस्टर लागू किया गया है, जो सांगठनिक चुनाव वर्ष 2019-2022 में लागू किया गया था. पिछले सांगठनिक वर्ष में प्रखंड अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष का पद जिस वर्ग के लिए आरक्षित थे. इस सांगठनिक वर्ष में भी वह उसी वर्ग के लिए आरक्षित रहेगा. पूर्व के रोस्टर में कोई बदलाव नहीं किया गया है. चित्तरंजन गगन ने आगे बताया कि बिहार में कुल 50 सांगठनिक जिला इकाइयां हैं. इसमें 17 जिला इकाइयों में अध्यक्ष पद को अति पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है, जबकि 7 जिला इकाइयों में अध्यक्ष पद को अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है.
बिहार में वैशाली, मुजफ्फरपुर महानगर, मधुबनी, दरभंगा महानगर, समस्तीपुर, बेगुसराय महानगर, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया, पूर्णिया महानगर, मुंगेर, भागलपुर महानगर, बांका, बिहारशरीफ महानगर, जहानाबाद एवं पटना महानगर को अति पिछड़े के लिए आरक्षित किया गया है जबकि नवगछिया, अरवल, कैमूर, नालंदा, अररिया,सिवान एवं बगहा अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए आरक्षित किया गया है.
राजद नेता ने बताया कि संगठन में विशेष हितों का समुचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए सहवरित सदस्यों का प्रावधान किया गया है. जिसके तहत प्रारंभिक इकाई को छोड़कर विभिन्न स्तरों पर कुल सहवरित सदस्यों में से न्यूनतम 25 प्रतिशत महिलाओं, 25 प्रतिशत अल्पसंख्यकों, 30 प्रतिशत अनुसूचित जाति-जनजाति और शेष 20 प्रतिशत वैसे वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी जिनको प्रतिनिधित्व नहीं मिला है. प्रारंभिक इकाई में अनुसूचित जाति-जनजाति के एक सदस्य को सहवरित सदस्य के रूप में प्रतिनिधित्व दिया जाएगा. चित्तरंजन गगन ने बताया कि पुरे देश में किसी भी दल के संगठनात्मक ढांचें में आरक्षण लागू करने वाला अकेला दल राष्ट्रीय जनता दल है.
बता दें कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सांगठनिक ढांचे में अति पिछड़े एवं अनुसूचित जाति-जन जाति को विशेष प्रतिनिधित्व देने के लिए राजद के संविधान में इन वर्गों के लिए विशेष आरक्षण का प्रावधान किया गया है. पार्टी के संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार प्रखंड और जिला अध्यक्षों में 28 प्रतिशत अति पिछड़े वर्गों के लिए और 17 प्रतिशत अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए आरक्षित किया गया है.