पटना में रिजर्व बैंक का एक्सचेंज काउंटर दो वर्षों से बंद, हर दिन निराश होकर लौट रहे हैं तीन-चार दर्जन लोग
कोरोना काल में रिजर्व बैंक का एक्सचेंज काउंटर सुरक्षा के मद्देनजर बंद किया गया था, लेकिन दो साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अब तक काउंटर नहीं खुला है. इससे हर दिन तीन-चार दर्जन लोगों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है.
पटना. पटना के लोगों के लिए फटे पुराने नोट को बदलना एक सिरदर्द जैसा है. लोग समझ ही नहीं पा रहे हैं फटे पुराने नोटों का क्या करें. कोरोना काल में रिजर्व बैंक का एक्सचेंज काउंटर सुरक्षा के मद्देनजर बंद किया गया था, लेकिन दो साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अब तक काउंटर नहीं खुला है. इससे हर दिन तीन-चार दर्जन लोगों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है.
दूर दूर से आ रहे हैं नयी करेंसी लेने पहुंचते हैं
वेडिंग सीजन में लोग दूर- दूर से रिजर्व बैंक नयी करेंसी लेने पहुंचते हैं. इस वक्त भी तीन से चार दर्जन से अधिक लोग निराश होकर लौट रहे हैं. रिजर्व बैंक का एक्सचेंज काउंटर बंद होने को फायदा नोट बदले वाले लोग उठा रहे हैं. लोगों का कहना है कि नये नोटों की गुणवत्ता पहले जैसी नहीं है. नया नोट जल्दी फट रहा है. बरसात के मौसम में नोट का बुरा हाल रहा. बड़ी संख्या में लोगों के पास फटे नोट जमा हो रहे हैं.
सौ से दो सौ रुपये अतिरिक्त वसूल रहे हैं निजी काउंटर
जानकारी के अनुसार दस रुपये का एक पैकेट के बदले नोट बदलने वाले सौ से दो सौ रुपये अतिरिक्त वसूल रहे हैं. इसी तरह बीस, पचास और सौ रुपये के लिए उसी अनुपात में एक्सचेंज राशि ले रहे हैं. नया नोट लेने आये अलोक राय ने बताया कि मेरा सेंट्रल बैंक में खाता है, लेकिन वहां नया छोटा करेंसी उपलब्ध नहीं होने की बात कह टाल दिया.
एक्सचेंज काउंटर बंद रहने पर रिजर्व बैंक के अधिकारी चुप
बैंक से रुपये नहीं बदलने के बाद लोग उम्मीद लेकर रिजर्व बैंक आ रहे हैं. यहां आने पर पता चला की यहां का एक्सचेंज काउंटर बंद है. सिपारा से आये राम प्रवेश महतो ने बताया कि उनके यहां शादी है. वे नये नोट लेने के ख्याल से यहां आये है. तो रिजर्व बैंक के कर्मचारियों ने बताया कि यहां तो एक्सचेंज का काम बंद है. जबकि इससे साल पहले यहां से कई बार नये नोट ले गये हैं. जब इस संबंध में रिजर्व बैंक के अधिकारियों से संपर्क किया गया तो उन्होंने कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया है.