पटना. नोटबंदी के बाद से ही लोगों को नोट बदलने में काफी दिक्कत आ रही है. नये नोट की गुणवत्ता भी काफी खराब है. राजधानी स्थित भारतीय रिजर्व बैंक का एक्सचेंज काउंटर बंद होने से हर दिन दूर-दराज से आने वाले दर्जनों लोगों को निराश होकर लौटने को मजबूर हैं. एक्सचेंज काउंटर बंद होने से दलालों का बोलबाला है.
मिली जानकारी के अनुसार रिजर्व बैंक का एक्सचेंज काउंटर पहले तो कोरोना महामारी के मद्देनजर बंद रखा गया और उसके बाद मरम्मती के नाम पर चार-पांच माह से एक्सचेंज काउंटर बंद है. काउंटर बंद होने के पीछे के कारणों का कोई जानकारी नहीं है, लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी यह बंद है. लोगों को इससे बहुत परेशानी हो रही है.
फिलवक्त लगन को लेकर हर दिन पचास से अधिक लोग विशेषकर नये नोट लेने के लिए दूर-दराज से लोग आते हैं, लेकिन एक्सचेंज काउंटर बंद होने से निराश होकर लौटना पड़ रहा है. इसका फायदा रिजर्व बैंक के बाहर दलालों को जमघट लगा रहता है. मजबूरन लोगों को दलाल के माध्यम से नये नोट बदलने को विवश है. दलाल सौ रुपये के बदले 110 से 120 वसूल रहे हैं.
लोगों को कहना है कि जिस बैंक में खाता है. वह बैंक नये नोट देने से साफ इंकार कर रहे है. इसके कारण रिजर्व बैंक आया, लेकिन यहां भी निराशा हाथ लगी. समय और पैसे भी खर्च हुए. जहानाबाद से आये राम लखन यादव ने बताया कि अपने बैंक से कई बार नये नोट प्राप्त करने की कोशिश किया, लेकिन निराश होकर लौटना पड़ा. हालांकि पैरवी वाले को बैंक से ही दस, बीस और सौ रुपये के नये नोट चोरी- छिपे मुहैया हो जा रहा है.
जब इस संबंध में बैंक के जनसंपर्क अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया और न ही मैसेज का जवाब दिया. ऐसे में यह बताना किसी के लिए मुश्किल है कि आखिर यह काउंटर लोगों के लिए कब खुलेगा.