पटना. पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद कहा कि उनका केंद्र में मंत्री बनना किसी को बर्दाश्त नहीं हुआ. अपने गांव मुस्तफापुर में संवाददाताओं से बातचीत में आरसीपी सिंह ने कहा कि 2019 में लोकसभा के चुनाव में 40 में से एनडीए ने 39 सीटों पर जीत हासिल की. उस समय संगठन प्रभारी कौन था? उस समय सब बढ़िया और बाद में सब गड़बड़ हो गया.
कोरे कागज पर JDU पार्टी से इस्तीफा देने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री RCP सिंह ने कहा JDU डूबता हुआ जहाज है. नीतीश कुमार इस जन्म क्या सात जन्मों में भी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते. #RCPSingh #JDU #NitishKumar #BiharPolitics pic.twitter.com/qhNGVakHM4
— Rajesh Kumar Ojha (@RajeshK_Ojha) August 7, 2022
उन्होंने कहा कि संगठन को वे बूथ स्तर तक ले गये, जो पहले नहीं होता था. अपनी रैली में ‘मुख्यमंत्री कैसा हो, आरसीपी सिंह जैसा हो’ का नारा लगाये जाने पर उन्होंने कहा कि सभी नेताओं की सभा में नारेबाजी होती है. कार्यकर्ता नारे लगा रहे थे. मुख्यमंत्री को हटाने की बात नहीं कर रहे थे.
पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की जदयू कीप्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा के बाद जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष रहे कन्हैया सिंह सहित अन्य नेताओं ने भी शनिवार शाम पार्टी कीप्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. इसमें मुख्य रूप से उपेंद्र कुमार विभूति, अमर कुमार सिन्हा, आलोक वर्धन सहित अन्य कार्यकर्ता शामिल हैं.
आरसीपी सिंह ने कहा कि अटल बिहारीवाजपेयी की सरकार में केंद्र में जब जदयू शामिल थी तो पार्टी के केवल आठ-दस एमपी थे. इसके बावजूद रेलवे और कृषि जैसे महत्वपूर्ण विभाग मिले, तो वे अटल जी के खास नहीं हुये. आरसीपी सिंह ने कहा कि जब मैं केंद्रीय मंत्री बना तो भाजपा के खास कैसे हो गये?
जदयू को 2020 के विधानसभा चुनाव में 73 से 43 सीटों पर जीत पाने के लिए आरोप लगने पर आरसीपी सिंह ने कहा कि उस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह थे. आरसीपी ने कहा कि वे राष्ट्रीय महासचिव संगठन थे. मुख्यमंत्री के उम्मीदवार नीतीश कुमार थे, और वे आरसीपी की वजह से कैसे हार सकते हैं? आरसीपी सिंह ने कहा कि अन्य दलों से जो उम्मीदवार लाये गये उनमें से बहुत कम जीत सके.