बिहार में रिटायर्ड आइजी का फर्जी फेसबुक अकाउंट बना साइबर ठग ने उड़ाये 1.08 लाख, यूपी के आईजी भी हुए हैं शिकार

पिछले दिनों साइबर ठगों ने बरेली यूपी के आईजी डॉक्टर राकेश सिंह के नाम से फर्जी फेसबुक अकाउंट बना लिया. फिर मैसेज करके कई लोगों से रुपयों की मांग कर डाली. किसी ने इसकी जानकारी आईजी को दी उन्होंने फौरन संबंधित विभाग से शिकायत की.

By Prabhat Khabar News Desk | January 3, 2024 10:15 PM

पटना. साइबर बदमाश लगातार लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. किसी को फर्नीचर बेचने के नाम पर तो किसी को पार्ट टाइम जॉब के नाम पर तो किसी को बिजली बिल अपडेट करने के नाम पर ठगी का शिकार बना रहे हैं. इस संबंध में साइबर थाने में लगातार शिकायतें दर्ज की जा रही हैं. पिछले दिनों साइबर ठगों ने बरेली यूपी के आईजी डॉक्टर राकेश सिंह के नाम से फर्जी फेसबुक अकाउंट बना लिया. फिर मैसेज करके कई लोगों से रुपयों की मांग कर डाली. किसी ने इसकी जानकारी आईजी को दी उन्होंने फौरन संबंधित विभाग से शिकायत की.

फर्जी फेसबुक अकाउंट बना कर भेजा मैसेज

बिहार पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार साइबर बदमाशों ने रिटायर्ड आइजी ललन मोहन प्रसाद का फोटो लगाकर फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाया और उनके रिश्तेदार अनुभा दत्ता व उनके पति राजीव कुमार से 1.08 लाख की ठगी कर ली. बदमाशों ने मैसेंजर के माध्यम से पहले अनुभा दत्ता से उनके पति राजीव कुमार का नंबर लिया और फिर उनके वाट्सएप पर फर्नीचर का फोटो भेजा. साथ ही बताया कि वह एक सीआरपीएफ ऑफिसर है और अपना फर्नीचर बेचना चाहता है. राजीव उन लोगों के जाल में फंस गये और 1.08 लाख रुपये खाते में डाल दिये.

सीआरपीएफ अधिकारी बन कर ली 91 हजार 500 की ठगी

साइबर बदमाशों ने सीआरपीएफ अधिकारी बन कर इंद्रपुरी निवासी मनोज कुमार झा को पुराना फर्नीचर बेचने का झांसा दिया और कई तरह के काम बता कर 91 हजार 500 रुपये की ठगी कर ली.

बिजली मीटर में गड़बड़ी का दिया झांसा और खाते से कर ली 3.34 लाख की निकासी

साइबर बदमाशों ने गर्दनीबाग जनता रोड गौतम नगर निवासी सीताराम झा को कॉल कर बताया कि उनके बिजली मीटर में गड़बड़ी है. उसे ठीक करने के लिए दस रुपये जमा करना होगा. इसके बाद रुपये जमा करने के लिए उनका आधार नंबर ले लिया. साथ ही कुछ और प्रक्रिया करायी और उनके खाते से 3.34 लाख की निकासी कर ली.

ऑनलाइन वर्क कर लाखों कमाने का झांसा देकर कर ली 2.07 लाख की ठगी

साइबर बदमाशों ने अजीमाबाद कॉलोनी महेंद्रू निवासी हम्माद फरीदी को ऑनलाइन वर्क करने का झांसा देकर 2.07 लाख रुपये की ठगी कर ली. उनसे लगातार निवेश कराते गये और अंत में सारे पैसे का गबन कर लिया.

रिवार्ड प्वाइंट के नाम पर कर ली खाते से 1.46 लाख की निकासी

दानापुर के चमारीचक निवासी विक्की गुप्ता को साइबर बदमाशों ने रिवार्ड प्वाइंट रिडीम कराने के मैसेज के साथ एक लिंक भेजा. उन्होंने उस लिंक को क्लिक किया, तो एक एप डाउनलोड हो गया. इसके बाद उन्होंने अपने क्रेडिट कार्ड के माध्यम से रिवार्ड प्वाइंट को रिडीम करने की कोशिश की और खाते से 1.46 लाख की निकासी हो गयी.

टाटा वन एमजी कंपनी का फ्रेंचाइजी देने के नाम पर की 2.52 लाख की ठगी

साइबर बदमाशों ने टाटा वन एमजी कंपनी का फ्रेंचाइजी देने के नाम एक महिला से 2.52 लाख की ठगी कर ली. बदमाशों ने उसी कंपनी के नाम से गुरुग्राम में खाता भी खुलवा रखा था, जिसके कारण महिला नीलम देवी ने फ्रेंचाइजी लेने के लिए उस खाते में रकम डाल दी. बाद में उन्हें ठगी का अहसास हुआ और फिर पुलिस को मामले की जानकारी दी.

अल्ट्रासाउंड कराने के नाम पर डॉक्टर से कर ली 72 हजार की ठगी

साइबर बदमाशों ने सीआरपीएफ कैंप का अधिकारी बन कर 30 आर्मी ऑफिसर का अल्ट्रासाउंड कराने का डॉ ऋचा को झांसा दिया और 72 हजार रुपये की ठगी कर ली. डॉ ऋचा राजेंद्र नगर की रहने वाली हैं और उनका अल्ट्रासाउंड केंद्र बिहारशरीफ में है.

गूगल मैप पर रेटिंग देकर पैसे कमाने का झांसा देकर की 97 हजार की ठगी

मनेर निवासी रंजन कुमार को साइबर बदमाशों ने गूगल मैप पर रेटिंग देकर पैसे कमाने का झांसा देकर 97 हजार की ठगी कर ली. उन्हें पहले कुछ प्रॉफिट भी दिया और बाद में पैसे निवेश कराते चले गये.

निवेश का झांसा दिया और पांच लाख की कर ली ठगी

कंकड़बाग के पूर्वी इंदिरा नगर निवासी सौरभ कुमार महतो को टेलीग्राम पर पैसे निवेश कर लाभ कमाने का झांसा दिया गया. पहले तो पैसा निवेश करने पर प्रॉफिट दिया गया, लेकिन बाद में कुछ न कुछ बहाना कर पैसा लेते गये. इस प्रकार साइबर बदमाशों ने उनसे करीब पांच लाख रुपये की ठगी कर ली.

रिटायर्ड सीनियर डीजीएम के खाते से कर ली 2.98 लाख की निकासी

गोला रोड के सूर्य चंद्र विहार अपार्टमेंट निवासी व पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के रिटायर्ड सीनियर डीजीएम चंद्रदीप राॅय के खाते से साइबर बदमाशों ने 2.98 लाख की निकासी कर ली. उन्हें बदमाशों ने कॉल कर बताया कि आपका स्मार्ट मीटर अपडेट नहीं है. अपडेट करने के लिए एक एप डाउनलोड कराया और उस पर 10 रुपये भेजने को कहा. उन्होंने वैसा ही किया और खाते से 2.98 लाख रुपये की निकासी हो गयी.

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