भागलपुर: पॉक्सो मामले के विशेष न्यायाधीश लवकुश कुमार की अदालत ने शनिवार को छह साल की बच्ची से दुष्कर्म में सेवानिवृत्त प्रशासनिक पदाधिकारी यशवंत सिन्हा (68) को 20 साल की सजा सुनायी और दो लाख रुपये का अर्थदंड लगाया. विशेष लोक अभियोजक नरेश प्रसाद राम और जयकरण गुप्ता ने बहस में भाग लिया. आरोपित को कड़ी सुरक्षा घेरे में पुलिस न्यायालय से जेल ले गयी. अदालत ने पीड़िता को तीन लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का निर्देश दिया है.
तिलकामांझी थानाक्षेत्र से जुड़े दुष्कर्म का मामला बच्ची की मां को घटना के कुछ दिनों बाद संज्ञान में आया था. आरोपित भी पीड़ित परिवार के बगल में रहता था. इसलिए बच्ची आरोपित यशवंत सिन्हा को उसकी उम्र के अनुसार मां के कहने पर नाना के नाम से पुकारा करती थी, वह जब भी बुलाये वह दौड़ी चली आती थी. आरोपित बच्ची को अकेले कमरे में ले जाकर गलत करने लगा था. एक दिन जब बच्ची को पीड़ा हुई तो वह रोते हुए अपनी मां को बतायी कि नाना क्या-क्या करते हैं.
उस दिन तारिख 30 दिसंबर 2021 की काली शाम थी. बच्ची ने जब मां को घटना के बारे में बताया तो मां को यकीन नहीं हुआ कि यशवंत सिन्हा(68) ऐसा घृणित काम कर सकते थे. लेकिन जब बच्ची को घर के अंदर ले जाकर हाल देखा, तो उसके क्रोध का ठिकाना नहीं रहा. पहले मर्यादा का ख्याल आया कि मोहल्ले में बदनामी होगी. लेकिन एक मां के लिए यह घटना असहनीय हो गयी. ऐसा ख्याल आते ही वह आरोपित के सामने जब बच्ची को लेकर पहुंची, तो आरोपित हकलाने लगा था.
घटना सामने आने के बाद आरोपी यशवंत ने रहम की भीख मांगी थी, लेकिन मां बच्ची को लेकर पहले इशाकचक इंस्पेक्टर अशोक कुमार के समक्ष गयी. इंस्पेक्टर ने उन्हें तिलकामांझी थाने का मामला बता तिलकामांझी थानाध्यक्ष राज रातन को फोन कर घटना में सख्त कदम उठाने को कहा. चंद घंटे में आरोपित यशवंत सिन्हा गिरफ्तार कर लिये गये थे. आरोपित भीखनपुर में अर्धसैनिक बलों से जुड़ी कैंटीन का संचालन करता था. पीड़िता का परिवार मूल रूप से अकबरनगर थानाक्षेत्र का रहने वाला है, तिलकामांझी थाना क्षेत्र में किराये का कमरा लेकर रह रहे थे.