राजस्व विभाग जल्द ही लोगों को घर तक जमीन संबंधी डॉक्यूमेंट की नकल पहुंचायेगा. इसके लिए विशेष तरह का एप तैयार किया गया है. मोबाइल पर एप डाउनलोड करके भू-स्वामी आवेदन करेंगे, तो डिजिटली साइन डॉक्यूमेंट उपलब्ध हो जायेगा. इसके साथ ही विभाग का इंटीग्रेटेड सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है, जिस पर सभी तरह की अपडेट एक्टिविटी उपलब्ध होगी. आम लोगों को मिलने वाली सभी सुविधाओं की मॉनीटरिंग भी प्रॉपर तरीके से होगी. यह कहना है कि बिहार सरकार के राजस्व एवं गन्ना विकास मंत्री आलोक मेहता का.
रविवार को मुजफ्फरपुर आये राजस्व मंत्री ने पत्रकारवार्ता के दौरान कहा कि आम लोगों के लिए सुविधाएं बढ़ायी जा रही हैं. ऑनलाइन नक्शा उपलब्ध कराये हैं. देश के किसी भी हिस्से में बैठकर मामूली फीस के साथ अप्लाई कीजिये. आपके घर पर नक्शा उपलब्ध हो जायेगा. उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से लगातार सुधार की प्रक्रिया चल रही है. आने वाले दिनों में सरकार राज्य के सभी भूमिहीन परिवारों को तीन से पांच डिसमिल जमीन उपलब्ध करायेगी. मंत्री ने आम जनता से जमीन बंटवारे का काम पूरा कर लेने की अपील की. उन्होंने कहा कि बिहार में स्पेशल सर्वे हो रहा है. इससे पहले बंटवारा का काम पूरा कर लें. पंचायत में, सिविल कोर्ट में या आपस में मिलकर 100 रुपये के स्टॉम्प पर रजिस्ट्री ऑफिस में. वंशवृक्ष के आधार पर बंटवारा जरूरी है. बंटवारा के बगैर आने वाले दिनों में म्युटेशन नहीं हो सकेगा. उन्होंने राजद व जदयू नेताओं की बयानबाजी के सवाल पर कहा कि विकास की बातें होनी चाहिये. बाकी लोग क्या बोल रहे, यह उनका निजी विचार हो सकता है. इसे बिना वजह तूल दिया जा रहा है, ताकि विकास के मुद्दों से ध्यान हटाया जा सके.
मंत्री ने कहा कि सभी कार्यों के लिए टाइमलाइन फिक्स करेंगे. म्यूटेशन व परिमार्जन सहित अन्य कार्य निर्धारित अवधि में होंगे. इसके लिए भविष्य की योजना तैयार की गयी है. इसके साथ ही सरकारी जमीन को कब्जे से मुक्त कराने का काम भी स्पेशल सर्वे के बाद पूरा होगा. अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि तलाश करें कि कहां पर सरकार की जमीन है. जब आम लोगों की जमीन स्पेशल सर्वे में सीमांकित हो जायेगी, तो बची हुई जमीन सरकार की होगी. कुछ जमीन भूदान से संबंधित है, कुछ सिलिंग की है. भूदान आयोग की रिपोर्ट जनवरी में आनी है. इसके बाद फरवरी में बैठक करेंगे.
मंत्री ने गन्ना किसानों की आय बढ़ाने की बात कही. उन्होंने कहा कि गन्ना उद्योग के लिए बिहार में माकूल माहौल है. कॉरपोरेशन की चीनी मिलें इकोनॉमिक वैलिडिटी नहीं रहने से बंद हो गयी. पेट्रोलियम में इथेनॉल की वैलिडिटी बढ़ने के बाद उम्मीद जगी है. अब सुगर कॉम्प्लेक्स तैयार करने की योजना है. गन्ना उत्पादक किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार के स्तर से प्रयास किया जा रहा है. प्रयास किया जा रहा है कि अधिक से अधिक जगहों पर चीनी मिलें लगे. विभाग की ओर से जल्द ही इन्वेस्टर्स मीट कराने और गुड़ नीति लाने की योजना है.