आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे (भारतमाला 119 डी परियोजना) के निर्माण कार्य को लेकर जमीन अधिग्रहण से संबंधित गलत रिपोर्ट बनाने वाले गुरारू के तत्कालीन राजस्व कर्मचारी (वर्तमान में डुमरिया अंचल में पदस्थापित) रामविनय मोची को सोमवार को डीएम डॉ त्यागराजन ने सस्पेंड कर दिया है. साथ ही इस मामले में डीएम ने अपने तेवर तल्ख करते हुए जिला भू-अर्जन पदाधिकारी और संबंधित लिपिक से भी स्पष्टीकरण मांगा है. डीएम ने टिकारी के भूमि सुधार उपसमाहर्ता को राजस्व कर्मचारी रामविनय मोची के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. डीएम के निर्णय से जिले के अंचल कर्मचारियों के बीच हड़कंप मच गया है.
कुछ दिनों पहले डीएम के जनता दरबार में आये मृत्युंजय कुमार ने शिकायत की थी कि आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे सड़क निर्माण के दौरान उनके तीन भाइयों जिनमें राजकिशोर सिंह, जितेंद्र सिंह व मृत्युंजय कुमार की जमीन का अधिग्रहण किया गया था. अंचल कार्यालय गुरारू के तत्कालीन राजस्व कर्मचारी की ओर से राजकिशोर सिंह व जितेंद्र सिंह के नाम से जमाबंदी कायम कर दी गयी. लेकिन, तीसरे भाई मृत्युंजय कुमार की जमाबंदी कायम नहीं की गयी. इस मामले पर डीएम ने जांच टीम गठित कर विस्तार पूर्वक जांच करायी.
जांच कराने के दौरान भूमि सुधार उप समाहर्ता टिकारी ने भी अपना जांच प्रतिवेदन डीएम को उपलब्ध कराया है. डीएम ने पूरी जांच रिपोर्ट देखने के पश्चात तत्कालीन राजस्व कर्मचारी गुरारू-वर्तमान पदस्थापन डुमरिया अंचल राम विनय मोची के विरुद्ध कार्य में घोर अनियमितता बरतने के आलोक में भूमि सुधार उप समाहर्ता टिकारी को राजस्व कर्मचारी के विरुद्ध प्रपत्र क गठित करने का निर्देश दिया. साथ ही अविलंब प्राथमिकी दर्ज करते हुए सस्पेंड (निलंबन) करने का भी निर्देश दिया है.
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डीएम ने गुरारू के सीओ विरुद्ध भी प्रपत्र क गठित करने का निर्देश दिया. गुरारू के सीओ ने उक्त परिवादी की जमीन अधिग्रहण संबंधित पूरी जानकारी लिए बिना केवल दो ही भाइयों को ही जमाबंदी कायम किया था. इन सभी के साथ-साथ भूमि अधिग्रहण के बाद बिना विस्तार से जांच किये बगैर जिला भूअर्जन कार्यालय द्वारा उपरोक्त तीन भाईयों में से केवल दो भाई यथा राज किशोर सिंह एवं जितेंद्र सिंह को मुआवजा की राशि वितरित की गयी. तीसरे भाई मृत्युंजय कुमार को नहीं दी गयी. इस पर डीएम ने भू अर्जन कार्यालय में उक्त फाइल को संचालन करने वाले लिपिक से स्पष्टीकरण पूछते हुए विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही तत्कालीन जिला भू-अर्जन पदाधिकारी से भी स्पष्टीकरण की मांग की गयी है.