पटना. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में करीब आठ साल से अटकी राजस्व कर्मचारियों की बहाली प्रक्रिया अपने अंजाम पर पहुंच गयी है. विभागीय मंत्री रामसूरत कुमार मंगलवार को इन 4353 कर्मचारियों को एनआइसी की मदद से ऑनलाइन रेंडमली जिला का आवंटन करेंगे. रिक्त पदों पर भी जल्दी बहाली शुरू की जायेगी. राजस्व दस्तावेजों के लिए लोगों को परेशानी न हो इसके लिए सभी अंचलों में जल्दी ही दो- दो ऑपरेटरों की बहाली की जायेगी.
अतिक्रमणकारियों से अतिक्रमण हटाने का खर्च भी वसूला जायेगा. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री ने सोमवार को अपने कार्यालय में प्रेस काॅन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 2014 में इन कर्मचारियों की बहाली प्रक्रिया शुरू हुई थी. किन्हीं कारण से यह रुक गयी थी. आयोग ने सफल अभ्यर्थियों की सूची भेज दी है.
पदस्थापन में किसी प्रकार का पक्षपात और भेदभाव न हो इसके लिए ऑनलाइन प्रक्रिया अपनायी जायेगी. इसमें एनआइसी की मदद ली जा रही है. किसी की भी गृह जिला में नियुक्ति नहीं होगी. मंत्री ने बताया कि राज्य में 8500 राजस्व कर्मचारियों की जरूरत है. वर्तमान में मात्र 1800 कर्मचारी हैं. अब यह संख्या 6153 हो जायेगी. बचे हुए पदों पर भी जल्दी बहाली शुरू करेंगे.
राजस्व मंत्री रामसूरत कुमार ने चार महीने की उपलब्धि बताते हुए कहा कि एक अप्रैल से 31 जुलाई तक 1799 मामलों में लोकभूमि से अतिक्रमण हटवाया गया है. सीएम के जनता दरबार में 161 सवालों में 76 सवाल अतिक्रमण के थे, इस कारण यह अभियान मेरे लिए चुनौती बना हुआ था. अतिक्रमण को लेकर विधानमंडल के सदस्य भी सवाल करते थे. कार्रवाई का यह ब्योरा 270 अंचलों का है. 264 अचंलों से ब्योरा अभी आना है.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री रामसूरत कुमार ने मुख्यमंत्री से किसी भी तरह की नाराजगी से इन्कार किया है. दो टूक कहा कि राजनीति में पैरवी एक मान्य प्रक्रिया है. जनता द्वारा चुनी गयी सरकार में सरकार में बैठे लोगों को जनता और जनप्रतिनिधियों की सलाह व सिफारिश को सुनना पड़ता है. विभागीय कार्य नियमों के तहत ही किया जाता है. हालांकि, बहुत नियम- कानून ऐसे है जिनके कारण भी गड़बड़ी होती है.
अधिकारी उसका फायदा उठा कर जनता को परेशान करते हैं. उन्होंने विभागीय सेवाओं में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए दलालों और विभागीय अधिकारियों- कर्मचारियों के गठजोड़ को खत्म करने की प्रतिबद्धता दिखायी है. मंत्री ने कहा कि मैं किसी से नाराज नहीं होता हूं. फैसला बदल दिये जाने से नाराज क्यों होऊंगा. मेरा कोई निजी कार्यनहीं था. मैंने सरकारी कार्यकिया था.