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नेपाल में हो रही बारिश से नदी का बढ़ता जा रहा जलस्तर, तटबंधों पर बढ़ा दबाव

गोपालगंज : नेपाल में पिछले तीन दिनों से रूक-रूक कर हो रही बारिश के कारण गंडक नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ने लगा है. जिले के प्रमुख तटबंधों पर दबाव बढ़ता जा रहा.

By Prabhat Khabar News Desk | September 17, 2020 12:22 AM

गोपालगंज : नेपाल में पिछले तीन दिनों से रूक-रूक कर हो रही बारिश के कारण गंडक नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ने लगा है. जिले के प्रमुख तटबंधों पर दबाव बढ़ता जा रहा. कुचायकोट प्रखंड के अहिरौलीदान- विशुनपुर बांध पर गंडक नदी के कटाव को रोकने के लिए जल संसाधन विभाग से भले ही दावा कर रहा, लेकिन स्थिति विपरित है. पिछले 24 घंटे में चार बेडवार नदी में समा चुका है. नदी का कटाव बांध तक पहुंच गया है.

गंडक उफान पर

नदी पश्चिम से दक्षिण की तरफ रुख बदली थी, लेकिन अब पश्चिम से पूरब की तरह रुख बदल गया, जिससे विभाग की चिंता में बढ़ गया है. नदी के ट्रेंड बदलने से कटाव उग्र रूप लेता जा रहा है. बांध को बचाने के लिए ध्वस्त हो गए बेडवार को रिकवर करने के लिए विभाग ने काम तेज कर दिया है. अब विशंभरपुर हाइस्कूल के भवन को भी खतरा दिख रहा.

मंझरिया मिडिल के बचे हिस्से को बचाने में जुटे इंजीनियर

गोपालगंज . कटघरवां पंचायत में कटाव को रोक पाने में जल संशाधन विभाग लाचार हो रहा. बंबू पायलिंग के जरीए नदी की उग्रता को रोकने की जद्दोजहद विभाग की ओर से की जा रही. बचाव कार्य के लिए मेटेरियल नहीं पहुंच पाने के कारण नदी को रोकने में विभाग खुद को लाचार हो रहा है. मंझरिया मिडिल स्कूल का दो मंजिला भवन मंगलवार को महज 10 मिनट में नदी में समा गया.

भवन का चौखठ, खिड़की निकल ले गये ग्रामीण

मंझरिया मिडिल स्कूल के बचे हुए भवन के पास नदी का तेजी से कटाव हो रहा. ग्रामीणों ने भवन का दरवाजा व खिउ़की निकाल लिया है. इलाके के लोग मजदूरों के साथ कटाव को रोकने में सहयोग कर रहे. ग्रामीणों के सामने उनके खेत नदी में समाता जा रहा. पिछले 24 घंटे में 44 एकड1 गन्ना की फसल नदी में समा गया है. कटाव कम होने का नाम नहीं ले रहा.

बाढ़पीड़ितों की समस्याओं को लेकर चक्का जाम

भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को बाढ़पीड़ितों की समस्याओं के खिलाफ थाना चौक पर एसएच 47 से जुड़ीं सभी छह सड़कों को जाम कर दिया. इस दौरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. माले कार्यकर्ताओं ने प्रखंड में बाढ़ से प्रभावित सभी परिवारों के खाते में बाढ़ अनुग्रह अनुदान राशि भेजने, फसल क्षति का मुआवजा सभी किसानों को अविलंब देने, क्षतिग्रस्त मकानों का मुआवजा देने, रूपनछाप छरकी पर हो रहे सोलिंग कार्य तत्काल बंद करने समेत कई मांगे उठायीं. कार्यकर्ताओं का कहना था कि कई बाढ़पीड़ितों को अनुग्रह राशि से वंचित रखा गया है. जाम से करीब दो घंटे तक शहर की सड़कों पर आवागमन बंद रहा.

posted by ashish jha

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