पटना. पटना जिले में अब तेज गति से नदियों का जल स्तर कम हो रहा है. 24 घंटे में दीघा घाट का जल स्तर 52 सेंटीमीटर कम हो गया, जबकि गांधी घाट का जल स्तर 48 सेंटीमीटर कम हुआ है. गुरुवार को अब तक का सबसे अधिक जल स्तर कम हुआ है.
इन स्थिति को देखते हुए स्पष्ट है कि पटना शहर के अंदर बाढ़ का पानी घुसने का खतरा अब पूरी तरह टल चुका है. लेकिन कुछ जगहों पर अब भी जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर है. गांधी घाट में जल स्तर 49.12 मीटर हो चुका है. यहां जल स्तर खतरे के निशान 48.60 मीटर से ऊपर है. लेकिन स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है.
हथीदह में भी गंगा का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर है. यहां जल स्तर 43.03 मीटर हो चुका है. लेकिन इस जगह पर भी पहले से काफी सुधार है और 24 घंटे में जल स्तर 33 सेंटीमीटर कम हुआ है.
हथीदह में भी जल स्तर कम होने की गति बढ़ी है. इसी प्रकार, सोन नदी का जल स्तर भी कम हुआ है और मनेर में खतरे के निशान से नीचे चला गया है. गुरुवार को यहां जल स्तर 51.54 मीटर हो चुका था. जबकि खतरे का निशान 52 मीटर है.
मनेर में 24 घंटे में जल स्तर 40 सेंटीमीटर कम हुआ है. पुनपुन नदी का उफान भी शांत हो रहा है और श्रीपालपुर में जल स्तर 49.96 मीटर हो चुका था. यह खतरे के निशान से कम है. यहां खतरे का निशान 50.60 मीटर पर है.
पटना जिले में बाढ़ प्रभावित पटना सदर प्रखंड और बख्तियारपुर प्रखंड में गुरुवार को 1700 फूड पैकेट बांटे गये. इसमें पटना सदर में 500 और बख्तियारपुर में 1200 फूड पैकेट बांटे गये हैं. इसके साथ ही जिले में अब तक 21150 फूड पैकेट बांटे जा चुके हैं.
गुरुवार तक यहां 22950 फूड पैकेट पैकेटिंग किये जा चुके थे. दूसरी ओर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगाये गये चिकित्सा शिविरों में गुरुवार को 489 लोगों को कोरोना का टीका लगाया गया.
Posted by Ashish Jha