Bihar Reservation News: बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को भी सदन के अंदर और बाहर हंगामा जमकर हुआ. विधानमंडल परिसर में भाजपा और राजद के विधायक एक-दूसरे से उलझ गए. आरक्षण से संबंधित दोनों अधिनियम में संशोधन को विधानसभा से मंजूरी मिलने के एक दिन बाद शुक्रवार को राजद के विधायकों ने सदन के बाहर जश्न मनाया और लड्डू बांटे. वहीं इसी दौरान भाजपा और राजद के विधायकों में आपस में कुछ बहस हो गयी और दोनों नेता गरम हो गए. दोनों को आपस में उलझता देखकर फौरन स्थिति को नियंत्रण में लाया गया. दोनों नेताओं को अलग किया गया.
बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन हंगामेदार रहा. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही एनडीए के नेताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. सदन के अंदर और बाहर पूर्व सीएम जीतनराम मांझी के लिए विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रदर्शन किया. वहीं महागठबंधन के नेताओं ने भी पीएम मोदी को निशाना बनाते हुए भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन किया. हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी. लेकिन भाजपा और राजद के नेता आपस में उलझ गए.
Also Read: ‘जब तक गार्ड पोजिशन लेगा, हम घोलट जाएंगे..’ जदयू विधायक गोपाल मंडल ने हथियार साथ रखने की बतायी ये वजह..
बिहार विधानसभा के बाहर राजद विधायक मुकेश रोशन आरक्षण संशोधन बिल पास होने की खुशी अन्य विधायकों के साथ मना रहे थे. इस खुशी में वो लड्डू बांट रहे थे. राजद विधायक मुकेश रोशन लड्डू का डब्बा लेकर बीजेपी नेताओं के पास उस जगह पर पहुंच गए जहां भाजपा विधायक प्रदर्शन कर रहे थे. इसी बीच भाजपा के एक विधायक ने उन्हें रोका और वापस जाने को कहा. दोनों के बीच कुछ बातचीत हुई और भाजपा नेता ने लड्डू का डिब्बा फेंक दिया. मामला बढ़ा और कुछ भाजपा विधायक राजद विधायक मुकेश रोशन से उलझ गए . राजद विधायक से भाजपा नेताओं की नोकझोंक शुरू हो गयी. जिसके बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने बीचबचाव किया. भाजपा नेताओं को उलझने से मना किया. पुलिस पदाधिकारियों ने भी मामले में हस्तक्षेप किया और मामला शांत हुआ.
वहीं राजद विधायक मुकेश रोशन ने भाजपा विधायकों पर आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग आरक्षण के विरोधी हैं और लालू यादव को अनाप-शनाप बोलते हैं. बता दें कि विधानमंडल के दोनो सदनों मे गुरुवार को भाजपा सदस्यो ने हंगामा किया था. जिससे प्रश्नकाल पूरी तरह बाधित हुआ था. सरकार का विभिन्न मामलों पर विरोध कर रहे भाजपा सदस्यो ने उत्तेजित होकर वेल में हंगामा किया था और रिपोर्टर की कुर्सियां भी उठा ली थीं. टेबल पलटने का प्रयास किया गया था. जिसकी वजह से महज 6 मिनट में ही भोजनावकाश के पहले विधानसभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा था. विधान परिषद में भी भाजपा के सदस्यों ने हंगामा किया. वे मुख्यमंत्री के इस्तीफा और आंगनबाड़ी सहायिका व सेविका पर लाठीचार्ज का विरोध कर रहे थे. शुक्रवार को भी दोनों सदनों में हंगामा किया गया.
बता दें कि बिहार विधानमंडल में जातीय सर्वे की रिपोर्ट जब पेश की गयी तो प्रदेश में जातियों की वास्तविक स्थिति सामने आयी. विस्तृत रिपोर्ट के आंकड़ों को आधार बनाते हुए नीतीश सरकार ने सूबे की सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला लिया. आरक्षण के दायरे को 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया. दोनों सदनों में आरक्षण संसोधन बिल को पास कराया गया और अब जल्द ही इसे कुछ प्रक्रिया के बाद पास करा दिया जाएगा. आरक्षण के नए स्वरूप के लागू करने में सियासी अड़चनें नहीं आयीं. भाजपा की ओर से भी इस आरक्षण संशोधन को समर्थन मिला. बीजेपी समेत एनडीए के अन्य घटक दलों ने भी इसमें सहमति जतायी है.जिसके बाद दोनों सदनों से इस बिल को पास करा लिया गया. दूसरी तरफ राजद ने भाजपा को आरक्षण विरोधी बताया है. तेजस्वी यादव ने कहा है कि भाजपा मजबूरन इस आरक्षण पॉलिसी का समर्थन कर रही है.