दरभंगा लोकसभा: भाजपा को हराने राजद ने बदली सालों पुरानी रणनीति, जानिए क्या कहते हैं वोटर
दरभंगा लोकसभा क्षेत्र में में पीएम नरेंद्र मोदी की सभा के बाद धुव्रीकरण हो रहा. इस सीट को जीतने के लिए राजद ने अपनी सालों पुरानी रणनीति बदल कर इस बार मुस्लिम की जगह यादव उम्मीदवार उतारा है.
अनुज शर्मा, मुजफ्फरपुर
देश को कई केंद्रीय मंत्री देने वाली दरभंगा लोकसभा सीट पर इस बार नये राजनीतिक समीकरण बन गये हैं. भाजपा के सिटिंग एमपी डॉ. गोपालजी ठाकुर इस बार भी एनडीए के उम्मीदवार हैं. इंडिया गठबंधन ने ललित कुमार यादव को उतारा है. बहुजन समाज पार्टी से दुर्गानंद महावीर नायक को टिकट मिला है. दरभंगा लोकसभा सीट से आठ दावेदार हैं. प्रतिस्पर्धा करने वाले उल्लेखनीय दावेदार तीन हैं. हालांकि मुकाबला त्रिकोणीय नहीं है. लड़ाई सीधे भाजपा और राजद के बीच है.
मौजूदा सांसद गोपाल जी ठाकुर ने पिछले चुनाव में राजद प्रत्याशी अब्दुल बारी सिद्दीकी को ढाई लाख से अधिक मतों से हराया था. कई बार मुस्लिम उम्मीदवार देते आ रहे राजद ने इस बार भाजपा को हराने के लिए अपनी रणनीति बदली और बिहार सरकार में मंत्री रह चुके छह बार के विधायक पर दांव लगा दिया. ललित कुमार यादव भी माय समीकरण के बल पर भाजपा को हराकर पहली बार संसद पहुंचने के लिए पसीना बहा रहे हैं.
विधान सभा में दरभंगा ग्रामीण क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले यादव के सामने पीएम की सभा ने चुनौती और बढ़ गई है. चार मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दरभंगा में श्री ठाकुर के पक्ष में एक जनसभा को संबोधित किया था. पीएम ने अपनी सभा में इंडिया गठबंधन के नेताओं पर मुस्लिम तुष्टीकरण और गोधरा कांड के आरोपियों को बचाने के गंभीर आरोप लगाए थे. इससे यहां वोटों का धुव्रीकरण तेजी से हो रहा है. दरभंगा निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी संख्या में ब्राह्मण मतदाता हैं. यादव और मुस्लिम मतदाता भी चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं.
क्या कहते हैं दरभंगा के वोटर
- मोदी मैजिक चल रहा है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि किसान खुश हैं. सरकार को कृषि कार्य के लिए लेबर की उपलब्धता, खेतों की सिंचाई और फसलों का बीमा से लेकर उत्पादन का उचित मूल्य दिलाने के लिए कार्य करना चाहिए. -बब्बू कुमार, किसान
- दरभंगा में व्यापार की अपार संभावनाएं हैं. जरूरत इनको विकसित करने की है. यहां हर साल बाढ़ आती है. बाढ़ को केंद्र में रखकर व्यापार और कारोबारी इकाई लगाने की जरूरत है. -संजय शुक्ला, कारोबारी
- दरभंगा में अभी भी महिलाओं के लिए समान अवसर नहीं हैं. महंगाई इतनी हो गई है कि एक व्यक्ति की कमाई कम पड़ जा रही है. -उर्मिला देवी, गृहणी
- दरभंगा में विकास के लिए जरूरी है कि शिक्षा खासकर महिला शिक्षा और रोजगार की दिशा में प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ा जाये. सरकार की विभिन्न योजनाओं ने तरक्की की राह खोली है. बावजूद इसके अभी बेहतर करने की अपार संभावनाएं हैं. -शिक्षिका रूपा कुमारी
- बाजार नया रूप ले रहे हैं. मॉल खुल रहे हैं. सुपर मार्केट बन रहे हैं लेकिन पार्किंग और बेसिक सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा. हम सभी को बेसिक सुविधाओं पर जिम्मेदारी से काम करना होगा. -निधि रानी
- पलायन रोकने और नदियों को साफ रखने की जरूरत है. पलायन रुकेगा तो स्थानीय स्तर पर लेबर की समस्या खत्म होगी. महंगाई को भी नियंत्रित करने की जरूरत है. सीनियर सिटीजन से जुड़े मुद्दों और समस्याओं पर ध्यान दिया जाए. -कैलाश ठाकुर , पेंशनर
गोपालजी ठाकुर 2019 में 2,67,979 वोट से जीते थे
2019 में दरभंगा संसदीय क्षेत्र में कुल 1654811 मतदाता थे. वैध वोटों की कुल संख्या 964996 थी. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार गोपाल जी ठाकुर जीते. उन्हें कुल 586668 वोट मिले. राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार अब्दुल बारी सिद्दीकी कुल 318689 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. वह 267979 वोटों से हार गये.
विधानसभा में दलीय स्थिति
गौड़ा बौराम, बेनीपुर , अलीनगर, दरभंगा शहर, दरभंगा ग्रामीण और बहादुरपुर छह विधान सभा सीट इस लोकसभा क्षेत्र में आती हैं. तीन पर भाजपा, दो सीट पर जेडीयू) और एक सीट पर राजद के विधायक हैं. गौड़ा बौराम में स्वर्णा सिंह ( बीजेपी ), बेनीपुर में विनय कुमार चौधरी ( जेडीयू), अलीनगर मिश्री लाल यादव (बीजेपी ), दरभंगा में संजय सरावगी ( भाजपा), दरभंगा ग्रामीण ललित कुमार यादव ( राजद)और बहादुरपुर में मदन सहनी (जेडीयू)हैं.
लोकसभा क्षेत्र में मतदाता
- कुल वोटर – 17,71,584
- पुरुष – 9,31,452
- महिला – 8,40,098
- थर्ड जेंडर – 34
मतदान का प्रतिशत
- 2019 – 58.35%
- 2014 – 55.39%
- 2009 – 41.75%
वोट शेयर
2019 – भाजपा 60.79% , राजद 33.02%
2014 – भाजपा 38.02% , राजद 33.79%
2009 – भाजपा 43.85% , राजद 35.33%
- मतदान की तारीख : 13 मई
- 8 उम्मीदवार हैं चुनाव मैदान में
- 20 ने दाखिल किया था पर्चा
- 12 लोगों को पर्चा हुआ खारिज
- 1785 – कुल मतदान केंद्र
दरभंगा लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास
दरभंगा लोकसभा सीट पर 1952 से 1971 तक कांग्रेस के उम्मीदवार जीतते रहे. आपातकाल में कांग्रेस यह सीट हार गई. 1977 की हार का बदला कांग्रेस ने 1980 का चुनाव जीतकर लिया लेकिन यह उसकी आखिरी जीत बन गई. 1984 में लोक दल जीता. 1989 से 1996 तक जनता दल का कब्जा रहा. इसके बाद राजद और फिर भाजपा जीती.
कब- कब कैसी रही चुनावी फाइट
- 2019 में दरभंगा संसदीय क्षेत्र में कुल 1654811 मतदाता थे. वैध वोटों की कुल संख्या 964996 थी. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार गोपाल जी ठाकुर जीते. उन्हें कुल 586668 वोट मिले. राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार अब्दुल बारी सिद्दीकी कुल 318689 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. वह 267979 वोटों से हार गये.
- 2014 में दरभंगा संसदीय क्षेत्र में कुल 1495445 मतदाता थे. कुल वैध वोटों की संख्या 828342 थी. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार कीर्ति आज़ाद जीते और सांसद बने. उन्हें कुल 314949 वोट मिले. राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार मोहम्मद अली अशरफ फातमी कुल 279906 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. वे 35043 वोटों से हार गये.
- 2009 में दरभंगा संसदीय क्षेत्र में कुल 1307067 मतदाता थे. वैध वोटों की कुल संख्या 545713 थी. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार कीर्ति आज़ाद जीते और सांसद बने. उन्हें कुल 239268 वोट हासिल हुए. राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार मोहम्मद अली अशरफ फातमी कुल 192815 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. वे 46453 वोटों से हार गये.
दरभंगा का दुनिया में नाम, दिल्ली में धमक
विश्व में अपनी सांस्कृतिक परंपरा और मखाना आदि के कारण प्रसिद्ध दरभंगा की दिल्ली की सियासत में खूब धाक है. लोकसभा चुनाव में यहां से जीतने वाले को केंद्रीय मंत्री का खूब पद मिला है. ललित नारायण मिश्र , सत्यनारायण सिन्हा,मो. अली अशरफ फातमी , शकिलुर्ररहमान तथा पंडित हरिनाथ मिश्र केंद्र सरकार में मंत्री रहे हैं.
दरभंगा लोकसभा क्षेत्र की समस्याएं
अपनी मैथिल संस्कार, पहचान और सामाजिक बदलाव के सामंजस्य बनाने की जद्दोजहद करते इस क्षेत्र के कई मुद्दे हैं. बाढ़ के रूप में हर साल आने वाली आपदा के अलावा भी समस्याएं हैं. किसानों के मुद्दे , शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, विकास की गति, और रोजगार के अवसरों को लेकर चर्चाएं शुरू हो गयी हैं. पान, आम और मखाना की खेती और उसकी इंडस्ट्री को बूस्टर डोज की दरकार है. बाढ़ जैसी आपदा को अवसर में बदलकर इस क्षेत्र को लाखों हेक्टेयर कृषि जमीन मिल सकती है.
दरभंगा से अब तक यह पहुंचे संसद
वर्ष | उम्मीदवार | पार्टी | कुल वोट |
---|---|---|---|
2019 | गोपाल जी ठाकुर | भाजपा | 586668 |
2014 | कीर्ति आज़ाद | भाजपा | 314949 |
2009 | कीर्ति आज़ाद | भाजपा | 239268 |
2004 | मोहम्मद अली अशरफ फातमी | राजद | 427672 |
1999 | कीर्ति आज़ाद | भाजपा | 395549 |
1998 | मोहम्मद अली अशरफ फातमी | राजद | 315503 |
1996 | मोहम्मद अली अशरफ फातमी | जेडी | 321828 |
1991 | मोहम्मद अली अशरफ फातमी | जेडी | 318253 |
1989 | शकीउल रहमान | जेडी | 356894 |
1984 | विजय कुमार मिश्र | एलकेडी | 224540 |
1980 | हरि नाथ मिश्रा | कांग्रेस (आई) | 225584 |
1977 | सुरेंद्र झा सुमन | बीएलडी | 306857 |
1971 | विनोदा नंद झा | कांग्रेस | 130263 |
Also Read: पीएम नरेंद्र मोदी का पटना में रोड शो कल, देखिए शहर की लड़कियां मोदी के बारे में क्या कह रही हैं?