राबड़ी देवी के आवास पर 9 अप्रैल को राजद का दावत-ए-इफ्तार, सभी पार्टियों को भेजा जायेगा न्योता
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास 10 सर्कुलर रोड पटना में 9 अप्रैल को दावत-ए-इफ्तार का आयोजन किया जाएगा. हालांकि इस इफ्तार पार्टी राजद सुप्रीमो लालू यादव की गैर मौजूदगी में होगी. राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव जी ने भी अपनी सहमति दी है.
पटना. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास 10 सर्कुलर रोड पटना में 9 अप्रैल को दावत-ए-इफ्तार का आयोजन किया जाएगा. इस अवसर पर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, वन-पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री तेज प्रताप यादव और राज्यसभा सांसद डॉ. मीसा भारती भी रहेंगी. हालांकि इस इफ्तार पार्टी राजद सुप्रीमो लालू यादव की गैर मौजूदगी में होगी.
लालू प्रसाद यादव ने भी दी अपनी सहमति
इसको लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य के विधि मंत्री शमीम अहमद ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल की तरफ से हर साल की तरह इस बार भी दावते इफ्तार का आयोजन किया जा रहा है. 9 अप्रैल को इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जाएगा. राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव जी ने भी अपनी सहमति दी है. वहीं नालंदा और सासाराम की घटना पर शमीम अहमद ने कहा कि दोनों ही जगह पर प्रशासन मुस्तैदी से काम कर रहा है. दोनों ही जगहों पर स्थिति सामान्य हो गई है. हिंसा में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी पर सबकी नजर
इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अपने आवास पर इफ्तार की दावत देंगे. पटना के एक अणे मार्ग में स्थित सीएम आवास पर सात अप्रैल को आयोजित इफ्तार दावत में विभिन्न पार्टियों के नेता और कार्यकर्ता को न्योता भेजा है. पिछले साल नीतीश कुमार के आवास पर दो साल बाद इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया था, जिसमें भाजपा, राजद समेत कई पार्टियों के नेताओं ने शिरकत की थी. ऐसे में सात अप्रैल को नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी पर सबकी नजर है. देखना दिलचस्प होगा कि इस पार्टी में भाजपा के कौन-कौन से चेहरे शामिल होते हैं.
राजनीति ने ली थी नई करवट
राष्ट्रीय जनता दल की तरफ से होने वाले दावते इफ्तार पार्टी पर मीडिया की खास नजर रहती है. वर्ष 2022 में भी इसी प्रकार दावते इफ्तार का आयोजन किया गया था. जहां 5 साल बाद सीएम नीतीश कुमार राबड़ी आवास पर पार्टी में पहुंचे थे. इसके तीन महीने बाद ही राज्य की राजनीति ने नई करवट ली थी. नीतीश कुमार ने एनडीए को छोड़कर महागठबंधन के साथ अपनी सरकार बनाई थी.