सहकारिता मंत्री सुरेंद्र यादव की फिसली जुबान, BJP ने तेजस्वी को मंत्रियों को ट्रेनिंग देने की नसीहत दी
मंत्री बनने पर राजद के बाहुबली नेता सुरेंद्र यादव गया पहुंचे थे. इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करने के दौरान के सुरेंद्र यादव के बगल में बैठे एक नेता ने उनके कान के पास जाकर कुछ सलाह दिया. इस बात पर मंत्री महोदय नाराज हो गए थे. इस दौरान उन्होंने ऐसे शब्दों को चयन किया कि हर कोई हैरान रह गया.
बिहार में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की अगुवाई में महागठबंधन की सरकार को बने हुए अभी 11 दिन ही हुए हैं, लेकिन सरकार के मंत्री लगभग हर रोज नए-नए विवादों में फंस रहे हैं. ताजा मामला सहकारिता मंत्री सुरेन्द्र यादव का है. दरअसल, मंत्री महोदय शुक्रवार को अपने गृह गया के जिले के दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुई एक ऐसी बात कही कि हर कोई हैरान रह गया.
पत्रकारों से बातचीत कर रहे मंत्री महोदय
बता दें कि मंत्री बनने पर राजद के बाहुबली नेता सुरेंद्र यादव गया पहुंचे थे. इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करने के दौरान के सुरेंद्र यादव के बगल में बैठे एक नेता ने उनके कान के पास जाकर कुछ सलाह दिया. इस बात पर मंत्री सुरेंद्र यादव नाराज हो गए. और पत्रकारों के कैमरे की परवाह किए बगैर सुरेंद्र यादव ने कहा, ‘चुप रहिए तो अच्छा है, बगल में बैठकर फोटो खींचाओ, लेकिन ऐसे ज्ञान मत दो कि मंत्री को सब बोका…समझे हो क्या ?
लगे हाथ बीजेपी ने दी डाली नसीहत
बिहार सरकार में मंत्री सुरेन्द्र यादव का वीडियो सामने आने के बाद बीजेपी ने तेजस्वी यादव को अपने मंत्रियों और विधायकों को पब्लिकली बात करने की ट्रेनिंग देने की नसीहत दी है. बिहार बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि सुरेंद्र भाई मंत्री हैं और उनकी मंशा ठीक है, इंट्रेस्ट भी लेते हैं. लेकिन कम से कम ऑन कैमरा मंत्री महोदय को पद की गरीमा का ख्याल रखनी चाहिए थी. मंत्री को पब्लिकली ऐसा ज्ञान नहीं देना चाहिए था.
कौन हैं सुरेंद्र यादव ?
सुरेंद्र यादव पिछले 30 साल से बेलागंज के विधायक हैं. उनकी पहचान एक दबंग विधायक की है और बिहार राजनीति के ताकतवर चेहरे के रूप में उनकी गिनती की जाती है. अब तक सुरेंद्र यादव 5 बार आरजेडी से विधायक रहे हैं. वे 2 बार जनता दल यू से भी विधायक रहे हैं. इलाके में हर तरीके से अपनी राजनैतिक छवि मजबूत रखने वाले सुरेंद्र यादव को हर बार जीत ही मिली है. सुरेंद्र यादव लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव के काफी करीब माने जाते हैं.
तीन दर्जन से अधिक मामले हैं दर्ज
सुरेंद्र यादव के ऊपर तीन दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं. पहली बार 1991 में चर्चा में आए जब लोकसभा चुनाव के दौरान गया कलेक्ट्रेट के सामने तत्कालीन कांग्रेसी नेता व पूर्व विधायक जय कुमार पालित को पीटने का आरोप लगा था. दूसरी बार चर्चा में तब आये जब जहानाबाद का सांसद रहते हुए लोकसभा में तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी से महिला बिल की कॉपी लेकर फाड़ दिया था.इस अशोभनीय व्यवहार के कारण सुरेंद्र यादव की काफी किरकिरी हुई थी.