पटना.राजद विधायक दल की नेता और पूर्व सीएम राबड़ी देवी को विधान परिषद में विपक्ष की नेता का पद नहीं मिल पाया.
संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक नेता विपक्ष की कुर्सी के लिए कुल सदस्यों की संख्या के दस फीसदी सदस्य होना जरूरी है, लेकिन विधान परिषद में राजद सदस्यों की संख्या छह है.
ऐसे में विपक्ष के नेता पद की मान्यता राबड़ी देवी को नहीं मिल पायी है. विप में नेता विपक्ष की मान्यता मिलने पर कैबिनेट मंत्री का दर्जा और सुविधा मिलती है.
विधान परिषद में कुछ सदस्यों की संख्या 75 है. इनमें से 18 सीटें अभी खाली हैं. खाली सीटों में 12 मनोनयन कोटे की और दो सीटें विधानसभा कोटे की हैं.
इन 14 सीटों पर राजद के सदस्यों के आने की संभावना नहीं है. बाकी के चार स्थानीय प्राधिकार कोटे की सीटों पर अगले साल शुरुआत में चुनाव कराये जायेंगे.
इसमें यदि एक सीट भी राजद को मिली, तो विप में विपक्ष के नेता पद का उसका दावा मजबूत हो सकता है.
गौरतलब है कि विधान परिषद में जदयू के 23 और भाजपा के 18 सदस्यों के अलावा राबड़ी देवी समेत राजद के छह सदस्य हैं, जबकि कांग्रेस के चार, भाकपा के दो, लोजपा व हम के एक-एक, निर्दलीय दो सदस्य हैं.
Posted by Ashish Jha