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बिहार: राजद नेता ने 60 लाख की सुपारी देकर कोर्ट परिसर में चलवायी थी गोली, हत्या के लिए झारखंड से बुलाए थे शूटर

बिहार के समस्तीपुर में कोर्ट परिसर के अंदर घुसकर बंदियों के ऊपर ताबड़तोड़ गोलीबारी की गयी थी. इस मामले में अब जिला पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल की है और पूरे मामले का खुलासा कर दिया है. इस पूरे हमला का मास्टमाइंड एक राजद नेता था. शूटर झारखंड से बुलाए गए थे.

Bihar News: समस्तीपुर कोर्ट कैंपस में 26 अगस्त को शराब तस्कर प्रभात चौधरी पर हुए हमले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. मामले में मास्टरमाइंड राजद प्रखंड अध्यक्ष रामबाबू राय, शूटर मो ओवैस, अमन कुमार उर्फ कारगिल को पिस्टल व कारतूस के साथ गिरफ्तार कर लिया है. शुक्रवार की शाम कोर्ट कैंपस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पुलिस अधीक्षक विनय तिवारी ने बताया कि इलाके में वर्चस्व को लेकर राजद नेता रामबाबू राय और उसके साथियों ने प्रभात चौधरी की हत्या की साजिश रची थी. इसके लिये रामबाबू ने 60 लाख की सुपारी दी थी. साथ ही घटना में शामिल शूटरों को झारखंड से बुलाया गया था. एसपी ने बताया कि रामबाबू, रायबहादुर नीरज, डब्लू, टिंकू शराब की तस्करी से जुड़े थे.

गोलू को मिली थी शूटरों को बुलाने की जिम्मेवारी

एसपी की माने तो हत्या को लेकर 15 जुलाई को कल्याणपुर में रामबाबू राय के आवास पर पूरी प्लानिंग हुई. उसके बाद स्थानीय बदमाशों से घटना को अंजाम देने की कोशिश हुई, लेकिन सफलता नहीं मिली. इसके बाद गोलू ने वैनी ओपी के मो ओवैस और झारखंड के दो बदमाशों से संपर्क किया. सब तय होने के बाद 26 अगस्त को झारखंड के शूटर वास्तु विहार स्थित फ्लैट पर आये और एक बार फिर से पूरी प्लानिंग हुई.

घटना के बाद मुंगेर चला गया था रामबाबू

26 अगस्त को घटना की पूरी प्लानिंग के बाद सभी अपराधी कोर्ट कैंपस पहुंचे थे, जहां प्लानिंग की पूरी रूपरेखा रामबाबू ने स्वयं देखी थी. घटना के बाद वह अपनी गाड़ी से मुंगेर चला गया था, ताकि पुलिस को उस पर शक न हो. एसपी ने बताया कि इसी तरह डब्लू भी घटना से दस दिन पहले पटना में शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार हो गया था.

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कल्याणपुर व चकमेहसी थानाध्यक्ष निलंबित

एसपी विनय तिवारी ने बताया कि लापरवाही और शिथिलता को लेकर कल्याणपुर थानाध्यक्ष गौतम कुमार और चकमेहसी के थानाध्यक्ष चंद्रप्रकाश टुडू को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है साथ ही पूरे मामले की जांच की बात कही है. सूत्र के मुताबिक पिछले एक साल से कल्याणपुर थाना का संचालन रामबाबू के इशारे पर ही हो रहा था. मामले में एसआइटी ने थाना के निजी चालक टिंकू से भी पूछताछ की थी. एसपी ने माना कि दोनों थानाध्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से रामबाबू की तस्करी में सहयोग कर रहे थे. एसपी ने इस मामले में कुछ सफेदपोशों के भी शामिल होने की चर्चा की है. अब देखना है कि वह इस गठजोड़ का खुलासा करने में सफल हो पाते हैं या अदृश्य कारणों से मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है.

बिहार, झारखंड व दिल्ली में हुई छापेमारी

फायरिंग के बाद हड़कत में आई जिला पुलिस की एसआइटी ने बिहार के कई जिलों के अलावा झारखंड और दिल्ली में कई स्थानों पर छापेमारी की. इस दौरान 30 से 40 संदिग्धों से पूछताछ की. एसपी ने बताया कि छापेमारी में सदर डीएसपी संजय कुमार पांडेय, मुख्यालय डीएसपी अमित कुमार, नगर थानाध्यक्ष विक्रम आचार्य, डीआइयू के मुकेश कुमार, सनी कुमार मौसम, राहुल कुमार, पूसा थानाध्यक्ष चंद्रकांत गौरी, कर्पूरीग्राम के संजय कुमार, मुसरीघरारी के पंकज कुमार के अलावा कई पुलिसकर्मी शामिल थे.

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