आलोक मेहता के घर ED की छापेमारी से भड़की RJD, मीसा बोली- लालू के सिपाही झुकने वाले नहीं

Patna: पाटलिपुत्र की सांसद मीसा भारती ने रविवार को कहा कि जब-जब चुनाव नजदीक आते हैं, तब-तब हमारे नेताओं को परेशान किया जाता है.

By Prashant Tiwari | January 12, 2025 4:28 PM
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पूर्व मंत्री और राजद नेता आलोक मेहता के घर ईडी छापेमारी होने के बाद बिहार में एक बार फिर से सियासत गर्मा गई है. छापेमारी को लेकर पाटलिपुत्र की सांसद मीसा भारती ने रविवार को कहा कि जब-जब चुनाव नजदीक आते हैं, तब-तब हमारे नेताओं को परेशान किया जाता है. यह सिर्फ राजनीति से प्रेरित कार्रवाई है. केंद्र सरकार अपनी एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्षी नेताओं को बदनाम करने और दबाव में लाने की कोशिश करती है. 

लालू के सिपाही झुकने वाले नहीं: मीसा

पटना में पत्रकारों से बात करते हुए मीसा ने कहा कि ऐसी साजिशों से न तो हमारे नेता लालू प्रसाद यादव डरने वाले हैं और न ही उनके सिपाही झुकने वाले हैं. यह जनता भी समझ रही है कि ये सब चुनावी रणनीति का हिस्सा है. जिन मुद्दों पर सरकार को काम करना चाहिए, उन्हें छोड़कर विपक्ष पर हमले किए जा रहे हैं. जनता सब देख रही है और आने वाले चुनाव में इसका जवाब देगी. हमारी लड़ाई जारी रहेगी और हम जनता की आवाज उठाते रहेंगे.”

लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का हक

पाटलिपुत्र की सांसद भारती ने सांसद पप्पू यादव के बिहार बंद के आह्वान पर कहा कि आज संडे है, कॉलेज और अधिकांश चीजें वैसे भी बंद रहती हैं. यह एक लोकतांत्रिक देश है, हर किसी को अपना विचार रखने और विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है. हर व्यक्ति को अपनी बात रखने का हक है लेकिन बंद से आम जनता को होने वाली परेशानियों का भी ध्यान रखना चाहिए.  

डबल इंजन की सरकार बयानबाजी तक सीमित

उन्होंने उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के एक बयान से जुड़े प्रश्न के उत्तर में कहा कि डबल इंजन की सरकार को बिहार के विकास की चिंता करनी चाहिए, लेकिन ऐसा लगता है कि उनकी प्राथमिकता केवल बयानबाजी तक सीमित है. बिहार के युवाओं, बेरोजगारों, अभ्यर्थियों और महिलाओं की समस्याओं से इन नेताओं को कोई लेना-देना नहीं है. कानून-व्यवस्था की स्थिति दिन-ब-दिन खराब हो रही है, लेकिन ये लोग व्यक्तिगत हमले और अनर्गल भाषा का प्रयोग करके अपनी नाकामियों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं.

बयानबाजी से बिहार को कुछ हासिल नहीं

उन्होंने कहा कि अगर उनके इस तरह के बयान से बिहार में उद्योग लग जाएं, रोजगार मिल जाए या जनता की समस्याओं का समाधान हो जाए, तो उन्हें खुली छूट है. लेकिन सच्चाई यह है कि उनकी बयानबाजी से बिहार को कुछ हासिल नहीं होगा. लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ अनावश्यक टिप्पणियां करने से वे खुद अपनी सोच का परिचय दे रहे हैं.

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