बीजेपी नेता सत्यनारायण सिन्हा की हत्या मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने राजद विधायक रीतलाल यादव को बड़ी राहत दी है. विशेष न्यायाधीश सारिका बहेलिया की अदालत ने दानापुर विधायक रीतलाल को साक्ष्य के अभाव में बड़ी कर दिया है. 2003 में राजद की तेल पिलावन लाठी घुमावन यात्रा के दिन सत्यनारायण सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में रीतलाल यादव समेत 4 लोगों को आरोपी बनाया गया था. 20 साल बाद मामले में फैसला सुनाते हुए रीतलाल यादव को बड़ी किया गया है.
2003 में हुई थी हत्या
30 अप्रैल 2003 को दानापुर के जमालुद्दीन चक के पास बीजेपी नेता और दानापुर की पूर्व विधायक आशा देवी के पति सत्यनारायण सिन्हा की गोली मारकर हत्या की गई थी. सत्यनारायण सिंह को उनकी कार में ही गोली मारी गई थी. इस दिन लालू यादव अपनी पार्टी के लिए समर्थन जुटाने के लिए लाठी रैली भी कर रहे थे. ऐसे में रीतलाल का नाम बीजेपी नेता की हत्या में उछाला गया था.
रीतलाल यादव पर 30 से अधिक आपराधिक मामले
आपको बता दें कि रीतलाल यादव 30 से ज्यादा आपराधिक मामलों में आरोपी हैं. जिसमें नेउरा के छठ घाट पर अपने प्रतिद्वंद्वी चुन्नू सिंह की हत्या और बख्तियारपुर के पास चलती ट्रेन में दो रेलवे ठेकेदारों की हत्या का आरोप शामिल है. रीतलाल यादव पर मणि लौंडरींग का मामला भी दर्ज है. पटना और दानपुर में उनकी छवि बाहुबली की है.
दानपुर से विधायक हैं रीतलाल यादव
2010 के विधानसभा चुनाव में रीतलाल यादव ने दानपुर से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा. इस चुनाव में वह बीजेपी उम्मीदवार से हार गये थे. 2020 के विधानसभा चुनाव में रीतलाल यादव ने एक बार फिर राजद के टिकट पर अपनी किस्मत आजमाई. इस चुनाव में उन्होंने सत्यनारायण सिन्हा की पत्नी और बीजेपी उम्मीदवार आशा देवी को हराया.
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