RJD विधायक सुधाकर सिंह ने शराबबंदी पर अपनी ही सरकार को घेरा है. छपरा में जहरीली शराब से मौत के मामले में राज्य सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि शराबबंदी कागजों में ही है, हकीकत कुछ और है. सत्ता के लोग हीं पार्टी फंडिंग और अपने लाभ के लिए शराबबंदी फेल करा रहे हैं. सुधाकर सिंह ने शराबबंदी पर बड़ा प्रश्वचिन्ह लगाते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी जैसी कोई चीज है ही नहीं. शराब हर शहर गर गांव में सब जगह मिल रही है. उन्होंने कहा कि शराब के अलावा किसी भी खाने-पीने की चीज पर प्रतिबंध लगाना मानसिक दिवालियापन है.
कांग्रेस नेता भी उठाया था सवाल
पिछले दिनों कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा के द्वारा भी राज्य शराबबंदी को लेकर तीखा बयान दिया गया था. अजीत शर्मा ने कहा कि शराबबंदी के बाद भी शराब हर जगह मिल रही है. इसके लिए सीधे रुप में राज्य सरकार के अधिकारी जिम्मेदार हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के अधिकारी शराब तस्करों से मिले हुए हैं. उन्होंने नीतीश कुमार को हिदायत दी थी कि अगर राज्य में शराबबंदी सही से लागू नहीं हो पा रही है तो उसे खत्म करने पर विचार करना चाहिए. अजीत शर्मा ने बताया था कि राज्य में शराबबंदी से करीब 10 हजार करोड़ का नुकसान है.
बीजेपी के हमले का जवाब देने में जुटी जदयू
विधानसभा में जहरीले शराब से मौत के मामले में हमलावर हुई बीजेपी को जवाब देने में जदयू जूट गयी है. वहीं, बताया जा रहा है कि मंगलवार को महागठबंधन की बैठक में ही नीतीश कुमार ने महागठबंधन के नेताओं के द्वारा शराबबंदी पर सवाल उठाने को लेकर नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने कहा कि जब बिहार में शराबबंदी लागू हुई तब कांग्रेस के नेता ही इस विभाग के मंत्री थे. सभी दलों की राय और सहमति से शराबबंदी लागू हुई है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी पर बयानबाजी नहीं होनी चाहिए.