गया. पूर्व सांसद और बेलागंज से राजद विधायक सुरेंद्र प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. दुष्कर्म के एक मामले में गया में व्यवहार न्यायालय के पोक्सो कोर्ट में उनके खिलाफ आरोप गठित कर दिया है. पॉक्सो कोर्ट के विशेष जज असिताभ कुमार की अदालत में आरोपित सुरेंद्र यादव, पूर्व सांसद रामजी मांझी, सरस्वती देवी, आभालाता, नेजामुद्दीन, आलोक मेहता, यशराज सभी सदेह मौजूद थे. इन सभी पर आरोप है कि कोंच थाना क्षेत्र में हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना में इन्होने पीड़ित का चेहरा उजागर कर दिया था. विशेष लोक अभियोजक कैसर सरफुद्दीन ने पॉक्सो को इसकी जानकारी दी थी.
मामला बेतिया में चलती बस में गैंगरेप से जुड़ा हुआ है. दरअसल, 15 जून 2018 को ये घटना घटी थी. इस मामले के सूचक कोंच थाने के पुलिस अवर निरीक्षक राजकुमार यादव के बयान पर अभियुक्तों के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. घटना के बाद कोंच थाना कांड संख्या 195/18 के तहत पुलिस दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग को मेडिकल जांच के लिए पुलिस मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल लायी. जांच में पता चला कि लड़की के साथ दुराचार हुआ है. इस चर्चित मामले में मां और उसकी नाबालिग बेटी से नौ-दस लोगों ने दुराचार किया था.
इसके अलावा, इसी मामले में पीड़िता की जांच के बाद लौटने के दौरान अस्पताल परिसर में ही इनके 25-30 लोगों ने पुलिस की गाड़ी को घेर लिया और पीड़ित को पुलिस के सरंक्षण से छुड़ाकर गाड़ी से नीचे उतार लिया. इसका आरोप भी राजद विधायक समेत सात लोगों पर लगा है. इस दौरान दुष्कर्म पीड़ित का चेहरा लोगों के बीच उजागर हो गया था. ये लोग पीड़ित से जबरन बयान लेने की कोशिश कर रहे थे. इन लोगों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने और नाबालिग पीड़ित का चेहरा आम जनता के बीच में उजागर करने का आरोप है.
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