सीएम नीतीश कुमार की मिमिक्री करने पर गई थी RJD MLC की सदस्यता, अब सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा आदेश

Bihar Politics: राजद नेता सुनील सिंह पर 13 फरवरी 2024 को सदन में कहासुनी के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी करने और उनकी मिमिक्री करने का आरोप लगा था. जिसके बाद उन्हें सदन से निष्कासित कर दिया गया था.

By Prashant Tiwari | January 15, 2025 5:22 PM
an image

Bihar Politics: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बिहार विधान परिषद की उस सीट पर उपचुनाव के परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी है, जिसका प्रतिनिधित्व सदन से निष्कासित राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता सुनील कुमार सिंह कर रहे थे. बता दे कि सुनिल कुमार सिंह को पिछले साल 26 जुलाई को बिहार विधान परिषद में अनुचित आचरण के लिए सदन से निष्कासित कर दिया गया था. राजद नेता लालू प्रसाद और उनके परिवार के करीबी समझे जाने वाले सुनील सिंह पर 13 फरवरी 2024 को सदन में कहासुनी के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी करने और उनकी मिमिक्री करने का आरोप लगा था. 

सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दिया ये आदेश 

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटीश्वर सिंह की पीठ को सिंह के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सूचित किया कि उक्त सीट के लिए उपचुनाव परिणाम 16 जनवरी को घोषित किए जाने की संभावना है और चुनाव निर्विरोध हुआ था. पीठ ने कहा कि वह मामले में पहले ही दलीलें सुन रही है, इसलिए इस बीच सीट के लिए परिणाम घोषित नहीं किया जाना चाहिए. सिंघवी ने कहा कि न्यायालय अगस्त, 2024 से निष्कासन के खिलाफ सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रहा है और यदि कल को अदालत ने याचिका को मंजूर कर लिया तो विचित्र स्थिति पैदा हो जाएगी जहां एक ही सीट पर दो प्रतिनिधि होंगे. पीठ ने कहा कि वो 16 जनवरी को राज्य विधान परिषद और आचार समिति और अन्य के जवाब सुनेगी, जिसके बाद वह इस मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रखेगी. 

RJD MLC ने नहीं मांगी थी माफी

पिछले साल सुनील सिंह के सदन से निष्कासन का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित किया गया था. इससे एक दिन पहले ही आचार समिति ने कार्यवाहक सभापति अवधेश नारायण सिंह को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी. सुनील सिंह पर ‘मुख्यमंत्री के शारीरिक हावभाव की नकल करके उनका अपमान करने’ और आचार समिति के समक्ष उपस्थित होने के बाद समिति के सदस्यों की योग्यता पर सवाल उठाने का भी आरोप लगाया गया है. सुनील सिंह को निष्कासित किए जाने के अलावा उसी दिन राजद के एक अन्य विधान परिषद सदस्य मोहम्मद कारी सोहैब को भी दो दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था. सोहैब ने भी कार्यवाही में व्यवधान डाला था. आचार समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि सोहैब ने जांच के दौरान अपने कार्यों के लिए खेद व्यक्त किया, जबकि सुनील सिंह ने अपना रुख नहीं बदला. 

बिहार की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें

JDU के ललन प्रसाद ने भरा था पर्चा

बिहार विधान परिषद की इस खाली हुई सीट के लिए एनडीए समर्थित जनता दल यूनाइटेड के प्रत्याशी ललन प्रसाद ने 9 जनवनरी को नामांकन का पर्चा दाखिल किया था. इसका रिजल्ट 16 जनवरी को आने वाला था. ललन प्रसाद के नामांकन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा सहित मंत्रिमंडल के कई अन्य सदस्य और नेता मौजूद थे. ललन प्रसाद को नीतीश कुमार का करीबी बताया जाता है. शेखपुरा जिले के सुजावलपुर गांव के रहने वाले ललन प्रसाद काफी दिनों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ जुड़े हुए हैं. जबकि, सुनील सिंह को बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का मुंहबोला भाई बताया जाता है.

इसे भी पढ़ें: वक्फ की जमीन पर मनाया जा रहा महाकुंभ, इतना सुनते ही भड़के राज्यपाल आरिफ खान, बोले- इन सब बातों में… 

Exit mobile version