‘स्पीकर को हटाने के लिए लाकर दिखाएं 122 का जादुई आंकड़ा’ RJD सांसद मनोज झा ने दी चुनौती
राज्य सभा सांसद मनोज झा के मुताबिक इन फैसलों के हिसाब से बिहार में विधानसभा अध्यक्ष को हटाने के लिए कम से कम 122 सदस्यों की जरूरत होगी.
बिहार में पल-पल राजनीति बदल रही है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई सरकार को 12 फरवरी को विश्वास मत हासिल करना है. लेकिन उससे पहले विधानसभा अध्यक्ष को हटाने के लिए सत्ता पक्ष को अविश्वास प्रस्ताव पारित करना होगा. राजद ने अब इस जरूरत को सत्ता पक्ष के लिए चुनौती बना दिया है. राजद सांसद मनोज झा ने चुनौती देते हुए कहा कि नीतीश कुमार को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा अध्यक्ष को हटा कर दिखाएं. उन्हें हटाने के लिए 122 का आंकड़ा चाहिए, पहले ये नंबर लेकर आए. साथ ही सत्ता पक्ष के सभी दलों से विधानसभा अध्यक्ष को हटाने पर सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का उदाहरण पढ़ने को कहा है. यह उदाहरण अरुणाचल और महाराष्ट्र का है, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष को हटाने के लिए न्यूनतम विधायकों की संख्या का जिक्र किया गया है.
विधानसभा अध्यक्ष को हटाने के लिए 122 सदस्यों की जरूरत
राज्य सभा सांसद मनोज झा के मुताबिक इन फैसलों के हिसाब से बिहार में विधानसभा अध्यक्ष को हटाने के लिए कम से कम 122 सदस्यों की जरूरत होगी. महागठबंधन दल के नेताओं के साथ अचानक दोपहर में तेजस्वी आवास के बाहर निकल कर मनोज झा ने कहा कि 12 तारीख को विधानसभा अध्यक्ष को हटाने की समूची कार्यवाही सुप्रीम कोर्ट के आये फैसलों के दायरे में हो. ताकि न्याय हो. सांसद झा ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारतीय संविधान के आर्टिकल 179 का जिक्र किया, जिममें विधानसभा अध्यक्ष को हटाने की प्रक्रिया की बात कही गयी है.
#WATCH | Patna: Ahead of the Floor test tomorrow, RJD MP Manoj Jha says, "…From Article 179(c) of the Indian Constitution, as interpreted by the Supreme Court in the Nabam Rebia case, it is clear that to remove the Speaker you need the votes of half of the total members of the… pic.twitter.com/vB1RXkqOx9
— ANI (@ANI) February 11, 2024
कौन से गांधी को पसंद करते हैं?
राज्य सभा सांसद मनोज झा ने तेजस्वी यादव के आवास पर इशारे-इशारे में करेंसी पर छपे गांधी और हे राम वाली गांधी की अलग अलग व्याख्या कर डाली. उन्होंने कहा कि मैं गांधी वादियों से पूछना चाहता हूं कि वे कौन से गांधी को पसंद करते हैं. करेंसी पर छपे गांधी को या ‘हे राम’ वाले गांधी को. अगर आप लोगों का करेंसी वाले गांधी के प्रति सम्मान है तो आप वही करेंगे जो करते आये हैं. लेकिन अगर हे राम वाले हैं तो आपको यह तय करना होगा कि फैसला सुप्रीम कोर्ट के आलोक में आए. हम लोग और बिहार का बच्चा -बच्चा लोकतंत्र को बचाने के लिए कल का इंतजार कर रहा है.