पटना. विधानसभा में राजद के सदस्यों द्वारा जातीय जनगणना कराने की मांग को लेकर शुक्रवार को विधानसभा में हंगामा किया गया. राजद के सदस्य वेल में आकर हंगामा करने लगे जिसके कारण भोजनावकाश के पूर्व सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी. राजद सदस्यों के हंगामा के कारण प्रश्नकाल बाधित हुआ जबकि सदस्यों ने शून्यकाल की सूचना को नहीं पढ़ा और ध्यानाकर्षण सूचना नहीं पढ़े जाने के कारण सरकार का जवाब भी नहीं आया.
सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही मनेर के विधायक भाई वीरेंद्र के अल्प सूचित प्रश्न का जवाब खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेसी सिंह द्वारा विस्तार से दिया गया. एक अल्प सूचित प्रश्न के जवाब में सदन का 15 मिनट समय चला गया. भाई वीरेंद्र के बाद विरोधी दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव का अल्पसूचित प्रश्न था. तेजस्वी का प्रश्न था कि राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधन से राज्य की जातीय जनगणना कराने व बजट आवंटित नहीं किया गया है. हालांकि उस समय सदन में तेजस्वी प्रसाद यादव अनुपस्थित थे.
आसन द्वारा दूसरे अल्पसूचित प्रश्न के लिए समय नहीं बचने पर तारांकित प्रश्न पर सरकार को उत्तर के लिए निदेशित किया. इस बात को लेकर राजद के सदस्य उत्तेजित हो गये और आसन से तेजस्वी प्रसाद यादव के अल्पसूचित प्रश्न पूछने और उस पर सरकार के जवाब देने की मांग करने लगे. आसन द्वारा समय का हवाला दिया गया. इसके बाद सभी सदस्य वेल में आ गये और हंगामा करने लगे. इसके चलते सदन की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
जब सदन की कार्यवाही दूसरी बार आहूत की गयी तो राजद के सदस्य फिर हंगामा करने लगे. इधर हंगामे के बीच आसन के निर्देश पर वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने 2022-23 का परिणाम बजट, 2022-23 का बाल कल्याण बजट, 2021-22 का ग्रीन बजट, और 2022-23 का जेंडर बजट पुस्तिका सदन पटल पर रखा.
सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही माले के सदस्य राज्य की आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका को सरकारी सेवक घोषित करने को लेकर हंगामा किया. माले के सदस्य सदन में वेल में पहुंच गये और पांच मिनट तक हंगामा करते रहे. उनका कहना था कि राज्य की हजारों सेविका और सहायिका पटना की सड़कों पर प्रदर्शन कर रही हैं.