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Bihar: उधर JDU में घमासान, इधर कुशवाहा वोट बैंक पर RJD की नजर! तेजस्वी यादव ने दे दिया खुला ऑफर…

Bihar Politics: जदयू में उपेंद्र कुशवाहा को लेकर मचे घमासान के बीच राजद ने अब कुशवाहा वोट बैंक पर अपनी नजरें गड़ा दी है. राजद ने शहीद जगदेव प्रसाद के शताब्दी समारोह में सभा की तो उपेंद्र कुशवाहा पर हमला बोला. जानिए क्या ऑफर दे गए तेजस्वी यादव..

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 2, 2023 9:43 AM

Bihar Politics: जदयू में उपेंद्र कुशवाहा को लेकर पिछले कुछ दिनों से घमासान मचा हुआ है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष समेत शीर्ष के बड़े नेताओं के बयान से यह साफ हो चुका है कि अब जदयू उपेंद्र कुशवाहा को खुद से अलग मान चुकी है. उपेंद्र कुशवाहा को बिहार के कुशवाहा समाज का बड़ा नेता माना जाता है. लव-कुश में कुश समीकरण साधने में उनकी बड़ी भूमिका मानी जाती है. वहीं अब राजद की नजरें कुशवाहा वोट बैंक को साधने पर लगी हुई है.

शहीद जगदेव प्रसाद के शताब्दी समारोह में जुटान

शहीद जगदेव प्रसाद के शताब्दी समारोह में पटना के बापू सभागार में बुधवार को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत राजद के बड़े नेताओं ने भाग लिया. इस दौरान कुशवाहा समाज के लोग बड़ी तादाद में जुटे. इस दौरान कुशवाहा समाज को साधने की पूरी कोशिश में राजद नेता दिखे.

तेजस्वी यादव का संबोधन

तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन में कहा कि कुशवाहा समाज को हर जगह सम्मान मिलेगा. वह अगर चार कदम चलते हैं तो हम 16 कदम चलेंगे. चुनाव के दौरान उनकी जितनी आबादी है, उसके हिसाब से हिस्सेदारी मिलेगी. इस दौरान तेजस्वी यादव ने भाजपा को उखाड़ फेंकने का एलान किया.

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उपेंद्र कुशवाहा पर राजद का हमला

इस समारोह में उपेंद्र कुशवाहा के ऊपर भी राजद ने निशाना साधा. कुशवाहा समाज को ये संदेश देने का प्रयास किया गया कि उपेंद्र कुशवाहा उनके लिए सही और हितैषी वाले नेता नहीं हैं. राजस्व एवं भूमि सुधार व गन्ना उद्योग मंत्री आलोक कुमार मेहता ने जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा का नाम लिये बिना कहा कि उन्होंने ने समाज को खानाबदोश बना दिया है.उन्होंने तमामदल बदले हैं. समाज का भरोसा खो दिया है. जब दल का विश्वास होगा तभी आपको हक और हिस्सेदारी मिलेगी.

नब्बे के दशक में कुशवाहा वोट बैंक

बता दें कि नब्बे के दशक में राजद सुप्रीमो लालू यादव ने स्व.जगदेव प्रसाद की प्रतिमा राजधानी पटना में स्थापित करवाई थी. इसके जरिए उन्होंने कुशवाहा वोट बैंक को एकजुट किया था. इतना ही नहीं लालू प्रसाद ने स्व.जगदेव के पुत्र नागमणि को राजनीति में तब आगे किया था. जब नीतीश कुमार राजनीति में उभरे तो उपेंद्र कुशवाहा नेता प्रतिपक्ष बने थे. राजनीतिक जानकार बताते हैं कि वो नागमणि को भी साथ लाए और उनकी पत्नी को मंत्री बनाया गया. हालाकि नगामणि फिर अलग हो गए थे. बिहार में कुशवाहा वोट बैंक पर सभी दलों की नजरें रही है.

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