बिहार: 100 चेकपोस्ट का निर्माण, सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए विभाग अलर्ट, जानें किन जिलों में सबसे अधिक हादसे
Bihar News: बिहार में रोजाना सड़क हादसे की खबरे सामने आती है. इसी बीच 100 चेकपोस्ट का निर्माण किया जा रहा है. सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए परिवहन विभाग अलर्ट है. इसके लिए कई तरह के काम किए जा रहे है.
Bihar News: बिहार में रोजाना सड़क हादसे की खबरे आती है. इसी बीच 100 चेकपोस्ट का निर्माण होगा है. सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए परिवहन विभाग अलर्ट मोड में है. जानकारी के अनुसार बिहार में सबसे ज्यादा सड़क हादसे एनएच दो, 28, 30, 31 और 57 पर होते हैं. इन सड़कों पर वाहनों की रफ्तार को नियंत्रित करने के लिए इंटरसेप्टर व्हीकल को गश्ती के लिए लगाया गया है. इन गाड़ियों में कैमरे और स्पीडी रडार गन होते हैं, जो वहां से गुजरने वाली गाड़ियों की रफ्तार को माप लेते हैं. ब्लैक स्पॉट को ठीक करने के लिए एनएचएआइ काम कर रहा है. एनएच के सभी ब्लैक स्पॉटों में कहीं सड़कों की क्रॉसिंग, तीखा मोड़, सड़कों की चौड़ाई कम होना, कम चौड़ाई के चौराहे, सड़क किनारे घनी आबादी, स्कूल और सिनेमा हॉल होना आदि शामिल हैं. एनएचएआइ इन सभी 25 ब्लैक स्पॉटों पर जरूरत के अनुसार सिग्नल निर्माण, सड़कों के चौड़ीकरण, स्पीड ब्रेकर का निर्माण, घनी आबादी वाले इलाकों से पहले वाहन चालकों की सतर्कता के लिए साइनेज आदि लगा रहा है. इसके साथ ही जगह- जगह अंडरपास, फुट ओवरब्रिज, आरओबी, फ्लाइओवर बनाया जा रहा है. शहरों या घनी आबादी से गुजरने वाले एनएच के विकल्प के तौर पर बाइपास बनाने की योजना पर काम हो रहा है.
दुर्घटनाओं को रोकने के लिए चेकपोस्ट का निर्माण
राज्य भर में सड़कों की लंबाई- चौड़ाई बढ़ने और सड़क बेहतर होने से गाड़ियों की रफ्तार भी बढ़ी है. ऐसे में सड़क दुर्घटनाएं दिन की जगह रात में अधिक हो रही हैं. परिवहन विभाग ने निर्णय लिया है कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए 100 से अधिक नये चेकपोस्ट का निर्माण कराया जाए. चेकपोस्ट का निर्माण राज्य की सभी सड़कों पर जरूरत के अनुसार किया जायेगा. मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार 2023 में बिहार की एनएच पर करीब 25 ब्लैक स्पॉट पाये गये है. इनमें सबसे अधिक ब्लैक स्पॉट एनएच- 28 पर गोपालगंज जिले में मिले है. इसके साथ ही एनएच- 28 पर ही समस्तीपुर जिला, एनएच107 पर खगड़िया जिला, एनएच- 31 पर भागलपुर, बेगूसराय और गया जिला, एनएच-19 और एनएच- 30 पर पटना जिला और एनएच-28 पर मोतिहारी जिला में भी कई ब्लैक स्पॉट हैं.
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इन जिलों में होती है सबसे अधिक सड़क दुर्घटना
राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सड़क सुरक्षा अभियान के तहत कई तरह के काम हो रहे है. हाल में आयी एनएचएआइ की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार सड़क दुर्घटना में मौत के मामले में दूसरे स्थान पर है. इस रिपोर्ट के बाद परिवहन विभाग ने सभी जिलों के डीएम-एसपी के साथ एक बार फिर से बैठक कर सड़क दुर्घटना कम से कम हो, इसको लेकर प्रति वर्ष लक्ष्य निर्धारित करने का दिशा -निर्देश दिया है. सभी जिलों में सड़क दुर्घटनाएं कम करने को लेकर तेजी से काम शुरू किया गया है. कैमूर , सुपौल , बक्सर , मधेपुरा , कटिहार, बांका, भोजपुर , अरवल , सिवान , खगड़िया, शिवहर, गोपालगंज, शेखपुरा, मुजफ्फरपुर, रोहतास, नालंदा, मधुबनी, औरंगाबाद, जमुई, पूर्णिया, अररिया, मोतिहारी, लखीसराय आदि जिलों में 80 से 100 प्रतिशत गंभीर सड़क दुर्घटनाएं होती है. परिवहन विभाग की समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार सीतामढ़ी, कैमूर, सुपौल, बक्सर, मधेपुरा, कटिहार, बांका, भोजपुर, अरवल, सीवान, खगड़िया, शिवहर, गोपालगंज, शेखपुरा, मुजफ्फरपुर, रोहतास, नालंदा, औरंगाबाद, जमुई, पूर्णिया में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. पूर्णिया के उच्च पथ के कुल 27 दुर्घटना स्थलों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिह्नित किया गया है, जहां दो या दो से अधिक दुर्घटनाएं हुई हैं. इसी तरह शहर में छह जगहों पर ब्लैक स्पॉट हैं. पिछले साल जिले में 167 लोगों की सड़क हादसे में मौत हुई थी. इस साल अब तक 30 लोग जान गंवा चुके हैं. कटिहार में एनएच 31, कुरसेला थाना क्षेत्र के कबीर मठ, कुरसेला कोसी पुल, बखरी मोड, खोटा मोड तथा एचएस 77 पोठिया में सड़क दुर्घटनाओं के अत्यधिक मामले सामने आये हैं. हालांकि पूरे जिले में एक वर्ष में 460 लोगों की मौत दुर्घटना में हो चुकी है. एक माह में 40 से 50 लोग सड़क दुर्घटना के शिकार होते हैं.
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स्पीड ब्रेकर का निर्माण जरुरी
सड़क सुरक्षा मानकों को पूरा करने के लिए कई विभाग मिल कर काम करते है. इन सभी विभागों के कामों का फिर से ऑडिट होगा. इसमें देखा जायेगा कि सड़क सुरक्षा नियमों का पालन कहां- कहां नहीं किया जा रहा है. स्पीड ब्रेकर बनाया जाना जरूरी है. जिले के दुर्घटना स्थलों का डीटीओ, एमवीआइ, एनएचएआइ के अधिकारियों ने दौरा किया है. इसमें पाया कि गाड़ी की स्पीड के साथ ग्रामीण सड़क से एनएच का सीधा जुड़ाव प्रमुख कारण है. वहीं एक और बड़ा कारण एनएच के पास घनी आबादी, सर्विस लेन और डिवाइडर का नहीं होना है. वहीं एनएच से सटे चौक को हटाना होगा. इन सभी जगहों पर ट्रैफिक सिग्नल की आवश्यकता है. मोतिहारी रोड, दरभंगा रोड, सीतामढ़ी रोड, समस्तीपुर रोड, रेवा रोड में अवैध कट को बंद करना होगा.
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इन जगहों पर होती हैं ज्यादा दुर्घटना
एनएच 28 पर बरजी बाजार, एनएच 57 पर दिल्ली लाइन होटल के पास, एनएच 28 नरियार के पास, एनएच 28 किशुनगर के पास, एनएच 28 भिखनपुरा के पास, पानापुर ओपी पखनाहां के पास, अहियापुर सीआरपीएफ कैंप, अहियापुर पटियासा, एनएच 57 पर गरहां चौक, गोबरसही चौक, बीबीगंज के पास, बोचहां मझौली चौक, मोतीपुर काली मंदिर के पास, कांटी नेता चौक, कांटी एनटीपीसी ओवरब्रिज, मोतीपुर पनसलवा, भगवानपुर चौक, भिखनपुर, झपहां ओपी, मुकसुदपुर पुल, रामपुरहरि ब्लाइंड मोड़ के पास अदिर सड़क हादसे होते है.
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अररिया में सड़क हादसे में बढ़ोतरी
इस वर्ष जनवरी से लेकर 31 अक्तूबर तक मुंगेर जिले में सड़क दुर्घटनाओं में 92 लोगों की मौत हुई है. जिले में 52 स्थानों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिह्नित किया गया है. शहर के एक नंबर ट्रैफिक, आंबेडकर चौक, लाल दरवाजा टीओपी के समीप, चंडिका स्थान चौक, नंदकुमार हाई स्कूल, कासिम बाजार थाना अन्तर्गत बिंदवारा मोड़ आदि ब्लैक स्पॉट में शामिल है. बांका जिले में 40 ब्लैक स्पॉट चिह्नित किये गये हैं. इस वर्ष अबतक करीब 45 लोगों की मौत हो चुकी है. अररिया के एनएच 57 फोरलेन का नवीनीकरण होने के बाद सड़क दुर्घटनाएं बढ़ी हैं. वर्ष 2022 में करीब 239 सड़क दुर्घटनाएं घटित हुई थी. वहीं इस साल अभी तक करीब 250 सड़क दुर्घटनाएं पहुंच चुकी है.
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