// // Bihar: कोसी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में सड़क और पुल का होगा निर्माण, खर्च किये जायेंगे 277 करोड़

Bihar: कोसी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में सड़क और पुल का होगा निर्माण, खर्च किये जायेंगे 277 करोड़

कुशहा तबाही के बाद कोसी के पुनर्निर्माण में जुटी राज्य सरकार की योजना रही है. इसके तहत कोसी क्षेत्र और यहां के लोगों को त्रासदी से बाहर निकालने और विकास के लिए विश्व बैंक ने 67% और बिहार सरकार 33% की फंडिंग की है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 12, 2023 4:08 AM

पटना. चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान कोसी के बाढ़ प्रभावित लोगों के जीवन स्तर को सुदृढ़ बनाने के लिये 277 करोड़ खर्च किये जायेंगे. इस राशि से कोसी बेसिन विकास परियोजना के तहत सड़क और पुल-पुलिया का निर्माण किया जायेगा. ताकि स्थानीय लोगों का जीवन सुगम हो सके. योजना एवं विकास विभाग ने इस योजना की पूरा खाका तैयार कर लिया है. दरअसल वित्त बैंक संपोषित कोसी पुनर्वास योजना के दूसरे चरण के कार्य मार्च 2023 में ही पूरा होना था. लेकिन 72% ही काम अभी तक हुआ है. जिस कारण से कोसी पुनर्वास योजना के दूसरे चरण के कार्य को 15 महीने का विस्तार दिया गया है. अब इस योजना को पूरा जून 2024 तक पूरा किया जायेगा.

कोसी बेसिन विकास परियोजना के लिए विश्व बैंक ने 67% फंडिंग की

कुशहा तबाही के बाद कोसी के पुनर्निर्माण में जुटी राज्य सरकार की योजना रही है. इसके तहत कोसी क्षेत्र और यहां के लोगों को त्रासदी से बाहर निकालने और विकास के लिए विश्व बैंक ने 67% और बिहार सरकार 33% की फंडिंग की है. इस योजना का पहला चरण विश्व बैंक की मदद से 15 सितंबर, 2010 को बिहार कोसी बेसिन विकास परियोजना की शुरूआत हुई, जिसके तहत सहरसा, सुपौल और मधेपुरा के 21 प्रखंडों में 31 दिसंबर, 2018 को विकास कार्य समाप्त हो चुका है.

क्यों किया गया कोसी बेसिन विकास परियोजना को विस्तार

कोसी बेसिन विकास परियोजना के दूसरे चरण का काम इस समय मात्र 72 फीसदी ही पूरी हो पाया है, बाकी बचे शेष 28 फीसदी काम तीन महीने में पूरा होने की संभावना नहीं के बराबर है. इसकी समीक्षा खुद मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों की की थी. कुछ दिशा निर्देश भी दिये थे. उसके बाद इसके विस्तार का निर्णय लिया गया है.

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कुशहा त्रास्दी

2008 में नेपाल के कुशहा में कोसी नदी की धारा बदल लेने के बाद भारी त्रासदी हुई थी. जिससे सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया और अररिया का बड़ा हिस्सा बाढ़ से तबाह हो गया था.

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