अनिकेत त्रिवेदी, पटना. शहर के बड़ेनालों पर सड़क बनाने के लिए अब स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत काम होंगे. मंदिरी नाले के बाद अब सर्पेंटाइन और बाकरगंज नालों पर सड़क बनाने के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है. स्मार्ट सिटी मिशन के तहत इन नालों पर सड़क निर्माण की डीपीआर तैयार हो गयी है. करीब 59.56 करोड़ रुपये से सर्पेंटाइन नाला और 26.98 करोड़ रुपये से बाकरगंज नाले पर सड़क बनेगी. इससे करीब 16 वार्डों के छह लाख से अधिक लोगों को फायदा मिलेगा.
नालों पर सड़क निर्माण का काम बुडको की ओर से किया जायेगा. इस प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार करने की जिम्मेदारी स्मार्ट सिटी मिशन के तहत है. डीपीआर के बाद बुडको टेंडर जारी करेगा. टेंडर फाइनल होने के बाद दोनों प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए अधिकतम समय सीमा 18 माह निर्धारित होने की संभावना है. गौरतलब है कि स्मार्ट सिटी मिशन की सभी परियोजनाओं को जून, 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है. इसके लिए केंद्रीय शहरी आवासन मंत्रालय ने दिशा-निर्देश जारी किया है.
इस नाले की लंबाई 1440 मीटर है. इसमें 1380 मीटर में सड़क का निर्माण किया जाना है. नाला राजेंद्र पथ से शुरू होता है और अंटा घाट तक जाता है. इस दौरान वार्ड 27, 28, 36, 37, 38, 39, 40, 42 और 43 के क्षेत्र पड़ते हैं. डीपीआर के अनुसार सड़क निर्माण होने के बाद करीब एक लाख लोगों को सीधा फायदा मिलेगा.
यह नूतन राजधानी अंचल का मुख्य नाला है. एयरपोर्ट नाला व मंदिरी नाले से इसका कनेक्शन है. पटेल चौक से आयकर गोलंबर तक इस नाले की लंबाई 4.6 किमी है. यह वार्ड संख्या 4, 7, 8, 9, 20, 21 और 26 के घरों की नाली का पानी लेकर जाता है. इससे इन वार्डों सहित करीब पांच लाख लोगों को सीधे फायदा मिलेगा.
मंदिरी नाला निर्माण की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हो पायी है. इस नाले पर 67.11 करोड़ से 5.5 मीटर चौड़ी दो लेन की सड़क बनायी जा रही है. फरवरी, 2019 में इसका काम शुरू हुआ था. लेकिन, करीब 19 माह तक सात फीसदी ही काम कंपनी पूरा कर पायी है. अब उस कंपनी को हटा कर दोबारा टेंडर के आधार पर काम करने की प्रक्रिया चल रही है.
केंद्र प्रायोजित स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत पटना स्मार्ट सिटी योजना पर अनुमानित व्यय की प्रशासनिक स्वीकृत राशि में कटौती करने के नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. इस संबंध में 15 अक्टूबर 2017 को 2776 करोड़ की स्वीकृति दी गई थी. स्वीकृति राशि में संशोधन के प्रस्ताव पर भी मंगलवार को हुयी कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी. अब पुनरीक्षित 982 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी है.