भागलपुर: शहर में इन दिनों निर्माण कार्यों का दौर चल रहा है. निर्माण कार्यों से जुड़ी सामग्रियां रात में ढोयी जा रही है. तिरपाल से इसे ढक कर नहीं ले जाया जा रहा है. ओवरलोड मेटेरियल गिरने से सड़कों पर यह फैली रहती है. वहीं, बाइपास रोड की ट्रकें भी अब शहर से होकर गुजरने लगी है. इससे बचकर चलने में ही अब समझदारी होगी.
क्योंकि, दुर्घटना होने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ गयी है. बीते रविवार की रात लोहिया पुल पर निर्माण से जुड़ी सामग्रियां बिखरी हुई थी और एक स्कार्पियो अनियंत्रित होकर बाइक में टक्कर मार दी थी. बाइक सवार की मौके पर ही मौत हो गयी थी.
निर्माण कार्यों से जुड़े विभाग हो या इसके ठेका एजेंसी या फिर पुलिस प्रशासन ही क्यों न हो, किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. ये सभी जिम्मेदार बेपरवाह हो चुके हैं. थोड़ी भी सक्रियता बरती नहीं जा रही. मेटेरियल ढक कर ले जाया जाता, तो सड़कों पर नहीं गिरता और न इससे दुर्घटना होती. बाइक सवार की जान बच सकती थी.
बाइपास रोड पर चलने वाली ट्रकें शहर होकर गुजर रही है. यह तीन थाने जीरोमाइल, तिलकामांझी एवं मोजाहिदपुर के सामने से जा रही है, मगर उस पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है. ये ट्रकें बाइपास बनने से पहले की तरह मौत बनकर शहर की सड़कों पर दौड़ रही है. जबकि, बाइपास का निर्माण ही इस उद्देश्य से किया गया है कि शहर ट्रकों से मुक्त रह सके.
तीन साल पहले ही बाइपास सड़क बनी है और शहर में ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगा है. बावजूद, इसके ट्रकें शहर से होकर चल रही है. साल भर पहले की बात है कि एक ट्रक लोहिया पुल का रेलिंग तोड़ कर मोजाहिदपुर बिजली सब स्टेशन में गिर गया था. आज भी टूटा हुआ रेलिंग इसका गवाह है. क्योंकि, मरम्मत नहीं कराया जा सका है.
कुछ साल पहले लोहिया पुल पर एक प्राइवेट स्कूल की शिक्षिका तक की मौत हो चुकी है. स्कूल में छुट्टी के बाद स्कूटी से घर जा रही शिक्षिका जब लोहिया पुल पर पहुंची थी, तो भारी वाहन की चपेट में आ गयी थी. इसके बाद भी जिम्मेदार बेफिक्र है. शहर में ट्रकों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक नहीं लगा सकी है.
लोहिया पुल का मरम्मत ढाई साल पहले कराया गया है, मगर यह अब राहगीरों को डराने लगा है. दरअसल, पुल का एक्सपेंशन ज्वाइंट की गेपिंग बढ़ गयी है और इसे पार करने के दौरान गाड़ियां अनियंत्रित होने लगती है. बीच पुल के मोड़ पर गड्ढे बने हैं, जिससे दुर्घटना की संभावना बनी रहती है. इसके अलावा फुटपाथ क्षतिग्रस्त है. कुछ जगहों पर रेलिंग भी टूटा हुआ है. पुल मरम्मत पर 65 लाख रुपये का खर्च हुआ है, लेकिन रेलवे ट्रैक के ऊपरी भाग का मरम्मत ही नहीं कराया गया था.