पटना. पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि शहरों की 20 फुट या उससे अधिक चौड़ी सड़कों का ही उनका विभाग अधिग्रहण करेगा. नगर विकास एवं आवास विभाग ने ऐसी 600 सड़कों की सूची पथ निर्माण विभाग को भेजी है, जिनका स्वामित्व अब तक विभाग ने नहीं लिया है. दोनों विभागों के अधिकारी इस मामले में बैठ कर समीक्षा करेंगे, तभी उनका अधिग्रहण होगा. तब तक उसका मेंटेनेंस नगर विकास ही करेगा. वे सोमवार को विधान परिषद में सदस्य कुमुद वर्मा के अल्पसूचित प्रश्न का जवाब दे रहे थे, जिन्होंने दीघा-दानापुर रोड से जुड़ी एक सड़क के अधिग्रहण के बारे में सरकार से जानकारी मांगी थी.
सदस्य केदार पांडेय के ट्रैफिक से जुड़े एक अल्पसूचित प्रश्न के जवाब के दौरान कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने पथ निर्माण विभाग के अधिकरियों पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि लगता है कि दिव्यदृष्टि से देख कर अधिकारी जवाब भेज रहे हैं. इससे पहले पथ निर्माण मंत्री ने कहा कि श्रीराम- जानकी मंदिर से दानापुर बस पड़ाव तक की सड़क वाहनों के दबाव के कारण जाम रहती है. उक्त खंड पर कहीं भी अतिक्रमण नहीं है. ऐसे सरकार वैकल्पिक सड़क मार्ग देने पर विचार कर रही है.
प्रो नवल किशोर यादव ने मंत्री के जवाब पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इस सड़क पर कभी-कभार नहीं, केवल जाम ही रहता है. टेंपो के अलावा कोई निजी वाहन उधर से जा नहीं सकता है. उसके बाद सभापति ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि जब सदस्य रोज-आते जाते सड़क को देख रहे हैं, तो क्या अधिकारी दिव्य दृष्टि से देख कर बताते हैं कि अतिक्रमण नहीं है.
सदस्य सर्वेश कुमार के एक तारांकित प्रश्न का जवाब देते हुए पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि सड़कों की चौड़ाई ट्रैफिक के घनत्व के अनुसार तय होती है. रोज दो हजार तक वाहन चलने वाली सडकों की चौड़ाई 3.5 मीटर होती है. इसके अलावा छह हजार तक वाहन चलने वाली सड़कों की चौड़ाई साढ़े पांच मीटर और 15 हजार या उससे अधिक वाहन के दबाव वाली सड़क की चौड़ाई सात मीटर रखी जाती है.
उन्होंने कहा कि गांव की जनसंख्या के आधार पर सड़कों की चौड़ाई तय नहीं की जाती है. सदस्य ने पूछा था कि बेगूसराय की एनएच -31 से जुड़ने वाली सात किमी लंबी सड़क संकीर्ण हो गयी है. आसपास के गांवों की आबादी भी काफी बढ़ गयी, लेकिन सड़क की चौड़ाई नहीं बढ़ी है.