सड़क निर्माण में अब नहीं चलेगी लापरवाही, इंजीनियर को करना होगा ये काम नहीं तो जाएगी नौकरी
Road Development: बिहार में सड़कों के निर्माण कार्य की गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं. अब सभी परियोजनाओं की जियो टैगिंग की जाएगी, और निरीक्षण की रिपोर्ट सीधे मुख्यालय भेजी जाएगी.
Road Development: बिहार में सड़कों के निर्माण कार्य को तय समय में और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा करने के लिए पथ निर्माण विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग ने सख्त रुख अपनाया है. अब परियोजनाओं के स्थल निरीक्षण की जियो टैगिंग की जाएगी और फोटो व रिपोर्ट सीधे मुख्यालय को भेजी जाएगी. अधीक्षण अभियंता और मुख्य अभियंता इस रिपोर्ट की समीक्षा करेंगे, जिससे लापरवाही बरतने वाले ठेकेदारों और अभियंताओं की पहचान कर उन पर कार्रवाई की जाएगी.
नियमों का पालन नहीं तो होगी कार्रवाई
दोनों विभागों ने अपने अभियंताओं को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि निर्माण कार्यों में आ रही समस्याओं को तुरंत सुलझाया जाए. अब तक निरीक्षण की जिम्मेदारी कनिष्ठ अभियंताओं को दी गई थी, जो प्रतिदिन जियो टैगिंग के साथ प्रगति रिपोर्ट अपलोड करते थे. लेकिन अब कार्यपालक अभियंता को साप्ताहिक, अधीक्षण अभियंता को पाक्षिक (15 दिनों में एक बार) और मुख्य अभियंता को मासिक निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है.
मगध पथ अंचल के अभियंता से मांगा गया स्पष्टीकरण
हाल ही में समीक्षा के दौरान पता चला कि पथ निर्माण विभाग के मगध पथ अंचल में अधीक्षण अभियंता द्वारा सड़कों का निरीक्षण नहीं किया जा रहा है. इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है. इसके अलावा, लखीसराय पथ प्रमंडल में निर्माणाधीन परियोजनाओं में आ रही दिक्कतों के समाधान के लिए मुख्य अभियंता (दक्षिण) और अभियंता प्रमुख (कार्य प्रबंधन) को स्थल निरीक्षण कर आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया गया है.
Also Read: सीएम नीतीश कल जाएंगे दिल्ली, पीएम मोदी से मुलाकात कर इन मुद्दों पर कर सकते हैं चर्चा
कठोर निगरानी से सुधार की उम्मीद
सरकार की इस नई रणनीति से निर्माण कार्यों में लापरवाही कम होने और परियोजनाओं को समय पर पूरा करने की उम्मीद की जा रही है. गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए अभियंताओं की जवाबदेही तय की जाएगी, ताकि राज्य की सड़कें मजबूती और टिकाऊपन का उदाहरण बन सकें.