Loading election data...

Bihar : पूर्णिया में भाजपा के खिलाफ सियासी लड़ाई का तय होगा रोड मैप, आज महागठबंधन की महारैली

पूर्णिया के इर्द-गिर्द लोकसभा की सात से अधिक सीटें हैं, जिनमें से अधिकतर पर भाजपा का कब्जा रहा है. इन इलाकों में ओवैसी भी एक मुद्दा हैं. ऐसे में पूर्णिया में हो रही महागठबंधन की इस रैली को अल्पसंख्यक मतदाताओं के और करीब पहुंचने की योजना के रूप में देखा जा रहा है

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 25, 2023 6:42 AM
an image

पटना. पूर्णिया में शनिवार को गैर भाजपाई सात दलों के महागठबंधन का सियासी महाकुंभ (रैली) लगेगा. इसमें सात दलों राजद, जदयू, भाकपा, माकपा, माले, हम (सेक्युलर) और कांग्रेस के दिग्गज नेता मौजूद रहेंगे. इस रैली में वर्ष 2024 के लोकसभा आम चुनाव को लेकर भाजपा के खिलाफ महागठबंधन नेताओं द्वारा रोड मैप तैयार किया जाएगा. 1977 के बाद पहली बार किसी एक दल के खिलाफ एकजुट अन्य सभी दलों की यह संयुक्त रैली होगी. रैली को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के अलावा राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद दिल्ली से वर्चुअल मोड (ऑनलाइन) में संबोधित करेंगे.

सीमावर्ती 10 जिलों के जुटेंगे महागठबंधन के नेता और कार्यकर्ता

महागठबंधन की इस महारैली में सीमांचल के अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, कटिहार, भागलपुर और नवगछिया जिले के महागठबंधन के सातों दलों के नेता और कार्यकर्ता भाग लेंगे. इसके लिए सरकार के दर्जन भर से अधिक मंत्री बीते कई दिनों से जिलों में कैंप किये हुए हैं.

पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में हो चुकी है अमित शाह की रैली

पिछले साल 23 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्णिया के इसी रंगभूमि मैदान पर भाजपा की बड़ी रैली की थी. बिहार में भाजपा से अलग होने के बाद अगस्त में महागठबंधन की सरकार बनी थी. इसके तुरंत बाद अमित शाह ने पूर्णिया की रैली में 2025 में भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनने का दावा किया था.

Also Read: गृह मंत्री अमित शाह कल आएंगे बिहार, वाल्मीकिनगर के बाद पटना में किसानों से करेंगे बात, जानें कार्यक्रम

सीमांचल की आधा दर्जन से अधिक लोकसभा सीटों पर नजर

एक साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव की दृष्टिकोण से शनिवार की महागठबंधन की पूर्णिया रैली को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. पूर्णिया के इर्द-गिर्द लोकसभा की सात से अधिक सीटें हैं, जिनमें से अधिकतर पर भाजपा का कब्जा रहा है. इन इलाकों में ओवैसी भी एक मुद्दा हैं. ऐसे में पूर्णिया में हो रही महागठबंधन की इस रैली को अल्पसंख्यक मतदाताओं के और करीब पहुंचने की योजना के रूप में देखा जा रहा है.

Exit mobile version