बिहार के सरकारी स्कूलों में होगी सड़क सुरक्षा नियमों की पढ़ाई, परिवहन मंत्री ने कहा- पाठयक्रमों में शामिल करने को लेकर बनी सहमति

देश में सड़क दुर्घटनाओं में बिहार 15 वें नंबर पर है, लेकिन मौत के आंकड़ों में नौवें नंबर पर अब तक है. इसमें कई कारण हैं, जिसमें सड़कें अच्छी हुई हैं. इस कारण से लोग तेज गाड़ी चलाने लगे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | January 19, 2021 6:42 AM

पटना. सड़क सुरक्षा नियमों को सरकारी स्कूलों के पाठयक्रमों में शामिल किया जायेगा. कक्षा आठ से दसवीं तक के पाठयक्रमों में शामिल करने को लेकर सरकार में सहमति बन गयी है.

राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह का उद्घाटन करते हुए सोमवार को परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा नियमों को आठवीं से 10वीं तक के पाठ्यक्रम में शामिल को लेकर शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है, जिस पर सहमति बन गयी है.

उन्होंने कहा कि विभाग ने सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए बहुत से काम किये है. विभाग ने लक्ष्य बनाया है कि 2021 अंत तक सड़क दुर्घटनाओं में 50% से अधिक तक कमी लाया जाये.

मंत्री ने कहा कि हम लोगों से अपील करेंगे कि बिना किसी डर के सड़क दुर्घटना में घायल होने वालों को अस्पताल पहुंचाएं, ताकि मौत का आंकड़ा कम हो सके.

सड़क हादसों में पीड़ित या घायलों की मदद करनेवाले लोगों को गणतंत्र दिवस के अवसर पर सम्मानित किया जायेगा. सड़क सुरक्षा में कार्य करनेवाले ट्रैफिक पुलिस, एनसीसी के कैडेट व डॉक्टरों को सम्मानित किया जायेगा.

विभिन्न थीम पर में चलेगा कार्यक्रम सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि सड़क सुरक्षा सप्ताह 17 फरवरी तक विभिन्न थीम पर राज्यभर में चलेगा. इसमें एनसीसी के कैडेट और विभिन्न विभागों के अधिकारियों का सहयोग रहेगा.

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग परिवहन नियमों का पालन कर रहे हैं. इसलिए सटबेल्ट व हेलमेट गांव-गांव में लोग पहन रहे हैं, लेकिन इसे 100 प्रतिशत करने का विभाग का लक्ष्य है. एक अनुमान है कि 41 प्रतिशत दो पहिया वाहन चालकों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हो रही है.

इनमें अधिकतर ने हेमलेट नहीं पहना होता है. परिवहन आयुक्त सीमा त्रिपाठी ने कहा कि सड़क पर होने वाली मौतों में कमी आयी है. 2019 में जहां 10 हजार लोगों की मौत हुई थी वह घटकर 2020 में 8663 हो गयी है.

देश में सड़क दुर्घटनाओं में बिहार 15 वें नंबर पर है, लेकिन मौत के आंकड़ों में नौवें नंबर पर अब तक है. इसमें कई कारण हैं, जिसमें सड़कें अच्छी हुई हैं. इस कारण से लोग तेज गाड़ी चलाने लगे हैं.

वहीं, ओवरलोड, राॅन्ग साइड एवं गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल का प्रयोग करना शामिल है. इन्हें रोकना हमारे हाथ में है. बस लोगों को इसके लिए जागरूक होना होगा. मौके पर अपर पुलिस महानिदेशक, सीआइडी विनय कुमार, यातायात एसपी सहित अन्य लोग मौजूद थे.

Posted by Ashish Jha

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