पटना. राज्य के 26 जिलों में करीब 1129 किमी लंबाई में ग्रामीण सड़कों का निर्माण होगा. इसको बनाने की प्रशासनिक मंजूरी मिल चुकी है. बरसात के तुरंत बाद निर्माण कार्य आरंभ होगा. करीब 854.17 करोड़ रुपये की लागत से इनका निर्माण 2024 तक पूरा होने की संभावना है.
इनमें अररिया, अरवल, औरंगाबाद, बांका, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, सारण, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, गया, गोपालगंज, जहानाबाद, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, नवादा, पटना, पूर्णिया, रोहतास, सहरसा, समस्तीपुर, सुपौल और वैशाली जिला शामिल हैं. ग्रामीण कार्य विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है.
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) फेज-3 में 117 सड़कों का निर्माण होगा. साथ ही करीब छह छोटे-छोटे पुलों का निर्माण करीब 666 मी लंबाई में होगा. प्रत्येक परियोजना की अधिकतम लागत करीब पांच करोड़ रुपये होगी. इन सभी के निर्माण में 60 फीसदी हिस्सा केंद्र और 40 फीसदी राज्य सरकार खर्च करेगी. साथ ही सड़क बनने के बाद पांच साल तक इन सड़कों का मेंटेनेंस भी किया जायेगा. मेंटेनेंस की जिम्मेदारी निर्माण एजेंसी को दी जायेगी. फिलहाल निर्माण एजेंसी का चयन इ-टेंडर के माध्यम से किया जायेगा. इसकी प्रक्रिया बहुत जल्द शुरू होगी.
इससे पहले पीएमजीएसवाइ के तीसरे चरण में 28 जिलों में 981 किमी लंबाई में ग्रामीण सड़कों के निर्माण की प्रशासनिक मंजूरी मिल चुकी है. उनका निर्माण भी बरसात के बाद शुरू होगा. करीब 828 करोड़ रुपये लागत से इनका निर्माण 2024 तक पूरा होने की संभावना है.
इनमें अररिया, अरवल, औरंगाबाद, बांका, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, गया, गोपालगंज, जहानाबाद, जमुई, कैमूर, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, पटना, पूर्णिया, रोहतास, समस्तीपुर, शेखपुरा, सीवान, सुपौल और वैशाली जिला शामिल हैं. ग्रामीण कार्यविभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है.