पटना में तीन लुटेरे गिरफ्तार, एसडीओ-बीडीओ बन कर शातिर तरीके से देते थे घटना को अंजाम

पटना पुलिस ने ठगी करने वाले नालंदा के पासवान गिरोह के सरगना सहित तीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इन तीनों को कोतवाली थाना की पुलिस ने नालंदा के नूरसराय थाना के बेलसर गांव में छापेमारी कर पकड़ा. गिरफ्तार लोगों में गिराेह का सरगना चंदन पासवान, उसका भाई रंजन पासवान व अनिल पासवान शामिल हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | January 4, 2024 7:45 PM

पटना. पटना के कोतवाली, कंकड़बाग व अन्य थानों में एसडीओ-बीडीओ बन कर बिहार के बाहर से आने वाले लोगों को कार में बैठा कर गंतव्य तक छोड़ने का झांसा देकर ठगी करने वाले नालंदा के पासवान गिरोह के सरगना सहित तीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इन तीनों को कोतवाली थाना की पुलिस ने नालंदा के नूरसराय थाना के बेलसर गांव में छापेमारी कर पकड़ा. गिरफ्तार लोगों में गिराेह का सरगना चंदन पासवान, उसका भाई रंजन पासवान व अनिल पासवान शामिल हैं.

नूरसराय थाने के बेलसर के रहने वाले हैं आरोपित

चंदन व रंजन नालंदा के नूरसराय थाने के बेलसर के रहने वाले हैं, जबकि अनिल नालंदा के बघन बिगहा थाने के तूफानगंज गांव का रहने वाला है. इन लोगों के पास से पुलिस ने तीन माेबाइल फोन, एक बाइक व एक आइ-10 कार बरामद की है. इस गिरोह ने 22 नवंबर 2023 को अररिया से पटना पहुंचे हाइकाेर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार मुजफ्फर नईम के भाई व वकील अंसर नईम को बीडीओ बन कर राजाबाजार स्थित गंतव्य तक कार से पहुंचाने का झांसा दिया था और वीरचंद पटेल पथ पर उनके नकद व मोबाइल फोन की ठगी कर भाग गये थे.

बिहार के कई शहरों में है मामला दर्ज

इस गिरोह ने कंकड़बाग के शिवाजी पार्क व पाटलिपुत्र स्टेडियम के पास भी इसी तरह की घटना को एक व्यक्ति के साथ अंजाम दिया था. इनकी गिरफ्तारी की सूचना मिलने पर एसटीएफ भी पहुंची और अपने स्तर से पूछताछ की. क्योंकि इस गिरोह के खिलाफ में पटना के कोतवाली, कंकड़बाग, मोकामा, बाढ़, हथिदह के अलावा नालंदा, लखीसराय में भी कई केस दर्ज हैं.

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चार साल से सक्रिय है गिरोह

यह गिरोह पटना व नालंदा में चार साल से सक्रिय है. गिरोह कार लेकर निकलता है और वैसे व्यक्ति की तलाश करता है, जो बिहार के बाहर से आया हुआ हो. इसके लिए ये लोग बस स्टैंड या रेलवे स्टैंड के आसपास रहते थे. जैसे ही कोई व्यक्ति आता था, उनसे ये लोग बात करते और बताते की वह एसडीओ या बीडीओ है. अगला व्यक्ति प्रभावित हो जाता था और फिर बातचीत के क्रम में यह जान लेता था कि उन्हें कहां जाना है. जैसे ही वह व्यक्ति बताता कि आरा जाना है या पटना में कहीं जाना है, तो ये लोग तुरंत ही यह कहते कि हमलोग भी उसी ओर जा रहे हैं.

गिरोह का सरगना चलाता है ढ़ाबा

जानकारी के अनुसार इसके बाद उस व्यक्ति को ये लोग लेकर निकलते और बीच रास्ते में यह कह कर उनका सारा सामान ले लेते कि यह विभागीय गाड़ी है, सभी को अपना सामान देना पड़ेगा. इसके अलावा कुछ अन्य बहानेबाजी कर भी सामान ले लेते थे. इसके बाद उस व्यक्ति को कहीं बीच रास्ते पर उतार कर फरार हो जाते थे. गिरोह का सरगना चंदन व रंजन का बघन बिगहा मोड़ पर ढाबा है और इन लोगों ने इस गोरखधंधे से करोड़ों रुपये जमा कर लिये हैं. साथ ही आलीशान मकान भी है.

गिरोह में 15 से अधिक लोग शामिल

पुलिस जब इनके घर तलाशी के लिए पहुंची तो चौंक गयी. क्योंकि वहां सुख-सुविधा के तमाम साधन मौजूद थे. डीएसपी विधि-व्यवस्था कृष्णमुरारी प्रसाद ने बताया कि इन लोगों के गिरोह में 15 से अधिक लोग शामिल हैं. उनकी पहचान की जा रही है. कोतवाली थानाध्यक्ष संजीत कुमार ने बताया कि ये लोग पहले भी जेल जा चुके हैं.

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