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सोन के सोने पर डाका : सख्ती के बावजूद आधे घंटे में जेपी सेतु से गुजर जाती हैं अवैध बालू लदी 60 नावें

राज्य सरकार सूबे में अवैध बालू खनन रोकने के लिए काफी सख्त कदम उठा रही है. इस मामले में अब तक दो एसपी, चार डीएसपी सहित 41 अफसर नप चुके हैं. इतनी सख्ती और लगातार छापेमारी के बाद काफी हद तक बालू के अवैध धंधे पर रोक तो लगी है, लेकिन इसके बावजूद अब भी चोरी-छिपे अवैध बालू खनन जारी है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 1, 2021 7:15 AM

शुभम/नीरज, पटना/कोइलवर. राज्य सरकार सूबे में अवैध बालू खनन रोकने के लिए काफी सख्त कदम उठा रही है. इस मामले में अब तक दो एसपी, चार डीएसपी सहित 41 अफसर नप चुके हैं. इतनी सख्ती और लगातार छापेमारी के बाद काफी हद तक बालू के अवैध धंधे पर रोक तो लगी है, लेकिन इसके बावजूद अब भी चोरी-छिपे अवैध बालू खनन जारी है.

मंगलवार को प्रभात खबर ने अवैध बालू खनन की पड़ताल की, तो पता चला कि पहले दिन में ही बालू का खेल चालू रहता था, लेकिन सख्ती के बाद बालू माफियाओं ने अपनी प्लानिंग बदल ली. अब यह खेल शाम ढलते ही शुरू होता है और सुबह छह बजते-बजते खत्म. इससे राज्य सरकार को प्रतिदिन करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है.

कोइलवर-बिहटा में शाम ढलते ही यह खेल शुरू हो जाता है. कोइलवर के पास कमालचक, मानाचक, सुरौधा टापू से सहित करीब एक दर्जन जगहों से बालू का अवैध खनन होता है. पुलिस अमूमन लगभग शाम छह बजे तक यहां गश्त करती है. जैसे ही पुलिस वहां से जाती है, लाइनर संकेत दे देता है. इसके बाद शुरू होता है बालू निकालने का दौर.

नावों से पूरी नदी पट जाती है. जैसे-जैसे बालू लोड होता जाता है, नावें अपनी मंजिल की ओर बढ़ जाती हैं. यह काम सुबह तीन-साढ़े तीन बजे तक चलता है. यहां से कई दिशाओं में बालू ले जाया जाता है. छपरा के डोरीगंज, सोनपुर, मनेर, दीघा घाट, पहलेजा घाट और फिर सोनपुर बालू ढोया जाता है.

नावों पर हथियार के साथ रहते हैं लोग

अवैध बालू खनन की पड़ताल करने मंगलवार की सुबह 3:30 बजे संवाददाता जब दीघा स्थित जनार्दन घाट पहुंचा, तो गंगा नदी रोशनी से जगमग थी. चारों ओर नावों पर लगी लाइटें तारों की तरह टिमटिमा रही थीं. करीब आधे घंटे के भीतर ही 60 नावें जेपी सेतु को पार कर पटना सिटी की ओर निकल गयीं.

हर नाव पर दर्जन भर लोग सवार थे. नावों पर खाना बनाने की भी व्यवस्था थी. दीघा घाट पर सवारी नाव के चालक भूपेंद्र पासवान ने बताया कि यह तो कुछ भी नहीं है. रात 12 बजे के बाद एक साथ 50 से अधिक नावें नदी में चलती दिख जायेंगी. उसने तो यह भी बताया कि नावों पर बैठे लोगों के पास हथियार भी रहते हैं.

तीन दिशाओं में बंट जाती हैं नावें

बालू की ट्रांसपोर्टिंग का ट्रेंड बालू माफियाओं ने बदल दिया है. रात में एक साथ बड़ी संख्या में अवैध बालू लदी नावों से ट्रांसपोर्टिंग होती है. यह करीब 12 बजे रात से चार बजे सुबह तक होता है. जैसे-जैसे अंधेरा छंटता है, वैसे-वैसे नावों की संख्या कम होती जाती है.

करीब 4:30 बजे संवाददाता ने देखा कि बालू लदी नावों की दिशाएं बंटने लगीं. इससे पहले नावें सिर्फ पटना सिटी की ओर जा रही थीं. लेकिन, जैसे ही चार से साढ़े चार बजे, नावें तीन दिशाओं की ओर जाने लगीं. कुछ नावें सोनपुर की ओर, तो कुछ पटना सिटी और कुछ दानापुर की ओर चली गयीं.

होगी कठोर कार्रवाई

पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि कोइलवर इलाके में बालू का अवैध खनन होने की सूचना पर भोजपुर जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर लगातार कार्रवाई की जा रही है. अवैध खनन से निकाले गये इस बालू का परिवहन गंगा के रास्ते नहीं हो, इसके लिए काम किया जा रहा है. इसमें संलिप्त लोगों पर कठोर कार्रवाई की जायेगी.

जल्द नपेंगे और अफसर, दर्ज होगा मामला

अवैध बालू खनन को लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही है. आर्थिक अपराध इकाई की रिपोर्ट पर भोजपुर के तत्कालीन एसपी राकेश दुबे और औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी सुधीर कुमार पोरिका निलंबित हो चुके हैं. डिहरी, आरा, औरंगाबाद व पालीगंज के एसडीपीओ पर भी कार्रवाई हुई है.

खनन विभाग के सात, राजस्व विभाग के तीन व परिवहन विभाग के अधिकारी सहित कुल 41 अफसर निलंबित हो चुके हैं. विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गयी है. डिहरी के एसडीओ पर आय से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज कर लिया गया है. इओयू निलंबित अन्य अफसरों की संपत्ति की जांच भी कर रही है. जल्द ही कई अन्य पर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया जायेगा.

Posted by Ashish Jha

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